कांग्रेस पार्टी के लिए नेशनल हेराल्ड मामले में अब एक और नई मुसीबत आ खड़ी हो गई है। मुसीबत यह है कि सोनिया गाँधी के बेहद करीबी नेताओं में शुमार मोतीलाल वोरा की कांग्रेस प्रमोटेड एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 16.38 करोड़ रुपए की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कुर्क करने का आदेश दिया गया है। शनिवार को ED की ओर से जारी प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग के केस में यह ऐक्शन लिया गया है। ये इमारत मुंबई के बांद्रा में स्थित है।
बांद्रा में स्थित यह प्लॉट उस समय चर्चा में था, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी पर नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं को कोर्ट के चक्कर भी काटने पड़े थे। साल 1983 में यह संपत्ति बांद्रा में नेशनल हेराल्ड को रियायती दरों पर अखबार प्रकाशित करने के लिए दी गई थी।
ED attaches under PMLA, assets to the extent of Rs. 16.38 Crore in Bandra (East), Mumbai of Associated Journals Limited in illegal land allotement case.
— ED (@dir_ed) May 9, 2020
इस मामले में पत्रकार जे गोपीकृष्णन की ओर से आरोप लगाया गया है कि हरियाणा के पंचकुला में नेशनल हेराल्ड के इस प्लॉट पर AJL ने सिंडिकेट बैंक की दिल्ली ब्रांच से मुंबई के बांद्रा में इस 11 मंजिला बिल्डिंग के निर्माण के लिए लोन ले रखा है जिसकी कीमत करीब 120 करोड़ रुपये है। इससे पूर्व प्रवर्तन निदेशालय की ओर से 2019 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत 64.93 करोड़ रुपये की गुरुग्राम की संपत्ति कुर्क की गई थी।
Very interesting – ED says National Herald's Panchkula property was valued at Rs.120 crore to take loan from Delhi's Syndicate Bank Branch in ITO to build 11 floors in Bandra East-Mumbai property…Wow…great money swindling in the name of media business by Congress https://t.co/jBQjDEBiLP
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) May 9, 2020
ED की जाँच के मुताबिक, साल 1982 में कंपनी द्वारा अनुरोध करने पर नवजीवन अखबार शुरू करने के लिए पंचकुला के सेक्टर 6 में प्लॉट नंबर C-17, सेक्टर 6 को AJL को आवंटित किया गया था। जिसमें ये शर्त थी कि दस साल के भीतर इस जमीन पर बिल्डिंग बनकर अखबार निकालने का काम भी शुरू हो जाएगा। लेकिन इस तय समय में न तो बिल्डिंग बनकर तैयार हुई और न ही कोई अखबार शुरू हुआ।
शर्तों के उल्लंघन के उपरांत यह जमीन 30 अक्टूबर 1992 को वापस HUDA यानी Housing Urban Development Authority जिसे अब (HSVP) हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण बना दिया गया है, उसके पास आ गई। AJL ने इस जमीन को पुनः वापस लेने के लिए बहुत प्रयत्न किए परन्तु साल 1995 और 1996 में उनकी माँग को खारिज कर दिया गया।
इसी प्रकार प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पूर्व दिसंबर 2018 में एसोसिएटेड जर्नल्स एंड नेशनल हेराल्ड के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा आवंटित मोहाली में 30 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की गई थी।
AJL के मैनेजिंग डायरेक्टर का नाम मोतीलाल वोरा हैं। AJL कंपनी पर गांधी परिवार का दखल है। AJL कंपनी ही नेशनल हेराल्ड अखबार को प्रकाशित करती है।यह अखबार साल 1939 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू किया गया था। 1956 में AJL नामक एक कंपनी बनी। साल 2008 में इसके सारे पब्लिकेशंस बंद कर दिए गए थे।
तब इस कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नामक एक कंपनी बनाई। इसके डायरेक्टर्स सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, सैम पित्रोदा, ऑस्कर फर्नांडीज और सुमन दुबे के नाम थे। इसमें सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे।
साल 2011-2012 में टैक्स डिपार्टमेंट ने राहुल गांधी के इनकम टैक्स रिटर्न फाइल को दोबारा खोलने का फैसला किया। उन्होंने उसमें यह जानकारी नहीं दी थी कि वह 2010 से ही इस कंपनी ‘यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक थे। IT के अनुसार इससे हुई आय नहीं दिखाई गई। मामले में सभी सातों आरोपियों राहुल और सोनिया, मोती लाला वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे , सैम पित्रोदा और यंग इंडियन ने सभी आरोपों को खारिज किया है।