देश में लाखों कोशिशों के बावजूद कोरोना का कहर कम होने के बजाए प्रतिदिन लगातार बढ़ता ही जा रहा है।अकेले अगस्त महीने में कोरोना वायरस के जितने मामले सामने आ रहे हैं, ऐसा लग रहा है कि भारत में कोरोना संक्रमण अपने विराट रूप की ओर बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 68 हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और वहीं 983 लोगों की मौतें हुईं हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस के कुल संक्रमितों की संख्या 29 लाख पांच हजार 824 तक पहुँच गई है। जबकि इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 54 हजार 849 हो गई है।
इस बीच देश के लिए राहत की बात यह है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो देश इस साल के आखिर तक कोरोना वायरस की वैक्सीन हासिल कर लेगा। देश में बनीं और ट्रायल से गुजर रहीं दोनों कोरोना वैक्सीन 2020 के आखिर तक मिल सकती हैं। यह दावा है केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन का। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक की बनाई वैक्सीन Covaxin साल के आखिर तक मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हम 2021 की पहली तिमाही में वैक्सीन का उपयोग करने के लिए तैयार हो सकते हैं।
भारत में तीन वैक्सीनों पर चल रहा काम
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, दुनियाभर में वैक्सीन ट्रायल को फ़ास्ट -ट्रैक किया जा रहा है। स्वदेशी टीकों का ट्रायल साल के आखिर तक पूरा होने की उम्मीद है। तब तक हमें पता चल जाएगा कि ये टीके कितने असरदार हैं। और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पहले से ही आक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है ताकि बाजार तक उसके पहुंचने का समय कम किया जा सके। बाकी दोनों टीकों को बनाने और बाजार में उतारने में कम से कम एक महीने का और समय लग सकता है। जो इस साल के आखिर तक ये टीके मिलने की उम्मीद जताई है।
आक्सफर्ड वैक्सीन : सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है कि उसने भारत में ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है।अस्ट्राजेनेका की यह दवाई साल के आखिर तक उपलब्ध हो सकती है।
कोवैक्सिन : हैदराबाद की भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का ट्रायल भी दो हफ्ते पहले शुरू हुआ है। यह वैक्सीन भी साल के अंत तक रेडी हो सकती है।
जायकोव-डी : जायडस कैडिला ने भी इंसानों पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। कुछ महीनों में ट्रायल पूरा हो सकता है।
वैक्सीन हासिल करने के लिए यह है प्लान
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, वैक्सीन हासिल करने के लिए मंत्रालय योजना बना रहा है। हर्षवर्धन ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। वह दुनिया की वैक्सीन की जरूरतों का दो-तिहाई हिस्सा वितरीत करता है। ICMR और भारत बायोटेक ने एमओयू साइन किया है कि अगर वैक्सीन सफल होती है तो भारत सरकार को सस्ती दरों पर वैक्सीन मुहैया कराने में प्राथमिकता दी जाएगी। सीरम इंस्टिट्यूट के साथ भी ऐसे ही समझौते की कोशिशें की जा रही हैं।
किसको सबसे पहले टीका लगेगा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषवर्धन ने फिर साफ किया कि वैक्सीन मिलने पर सबसे पहले हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को मिलेगी। इसके बाद बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद फिर बांकी डोज के आधार पर सबको टीका लगाने की मुहिम शुरू होगी।
अगस्त ने बढ़ाई टेंशन
देश ने सिर्फ अगस्त महीने (20 अगस्त तक ) में करीब 12 लाख से अधिक कोरोना केस दर्ज किए हैं, जो पिछले किसी भी महीने से अधिक है। इतना ही नहीं, दुनियाभर में भी यह आंकड़ा सबसे अधिक है। किसी भी देश में अगस्त महीने में इतने कोरोना केस रिकॉर्ड नहीं किए गए हैं।
राज्य सरकारों से प्राप्त आंकड़ों की मानें तो 20 अगस्त तक भारत में कोरोना वायरस केसों की संख्या 12 लाख 7 हजार के करीब थी। जो अब तीस लाख पहुँचने वाली है। ये आंकड़ें इसलिए भी डरावने हैं क्योंकि जुलाई महीने में कोरोना के 11 लाख से अधिक मामले सामने आए थे, मगर अगस्त के 20 दिन में ही यह आंकड़ा 12 लाख पार हो गया है, जबकि इस महीने को खत्म होने में अभी 11 दिन बाकी है। अगर दुनियाभर की बात करें तो अगस्त महीने में (19 अगस्त तक) अमेरिका 9 लाख 94 हजार कोरोना केसों के साथ भारत के बाद दूसरे नंबर पर है, वहीं ब्राजील करीब 7 लाख से अधिक केसों के साथ दूसरे तीसरे नंबर पर है।