बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए कहा जाता है कि वे सत्ता में बने रहने का हुनर जानते हैं और अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए कुछ भी, कभी भी कर सकते हैं। अटल बिहारी सरकार में मंत्री रहे नीतीश ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद से ही नरेंद्र मोदी संग दूरी बरतनी शुरू कर दी थी। जून, 2010 में उन्होंने अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि बचाने के लिए एक बड़ा दांव तब चला जब पटना में भाजपा के दिग्गज नेताओं के लिए आयोजित रात्रि भोज को उन्होंने मात्र इसलिए रद्द कर डाला क्योंकि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी संग उनकी एक पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल भाजपा ने उस दिन पटना के अखबारों में प्रकाशित एक विज्ञापन में कर दिया था। इसके बाद बिहार में गठबंधन सरकार चला रहे जद(यू) एनडीए गठबंधन से बाहर आ गया। जुलाई, 2014 में नीतीश ने लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल संग महागठबंधन बना डाला और 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करा राज्य के तीसरी बार सीएम बन गए।
उस दौर में नीतीश कुमार भाजपा, विशेषकर पीएम मोदी के कटु आलोचक बन उभरे। 2017 में लेकिन उन्होंने राजद संग गठबंधन तोड़ भाजपा से हाथ मिला लिया और भाजपा की मदद से सीएम बने रहे। 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश की पार्टी जद(यू) का प्रदर्शन खराब रहा। हालांकि सीएम तो गठबंधन सरकार में वे ही बने लेकिन जलवा उनका कम हो गया। भाजपा इस समय राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। उसके पास 77 विधायक हैं जबकि जद(यू) के मात्र 45 विधायक हैं। ऐसे में भले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, सरकार में भाजपा का दखल और असर जद(यू) से कहीं ज्यादा है। पटना के सत्ता गलियारों में चर्चा गरम है कि नीतीश भाजपा की बढ़ती दखलंदाजी को अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और इसके चलते एक बार फिर से पलटी मारने का मन बना चुके हैं।
गत् सप्ताह, 22 अप्रैल को उनका राज्य की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के घर आयोजित इफ्तार पार्टी में शिरकत करना इन खबरों की पुष्टि करता नजर आ रहा है कि नीतीश बाबू कोई बड़ा ‘खेला’ करने का मन बना चुके हैं। इस इफ्तार पार्टी में नीतीश राजद नेता तेजस्वी यादव संग हंसते-बतियाते देखे गए। इतना ही नहीं उन्होंने राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी संग अलग से भी बातचीत की। जानकारों की मानें तो इस इफ्तार पार्टी के बाद भाजपाई खेमे में बड़ी बेचैनी पसर चुकी है। कहा-सुना जा रहा है कि नीतीश कुमार को मनाने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी जा चुकी है।