भोपाल में क्लोरीन गैस लीक होने से लोगों में दहसत का माहौल बना हुआ है। गैस के बढ़ते प्रभाव की वजह से लोगों को मजबूरन घर से बाहर निकल कर सड़कों पर आना पड़ा। इस घटना के बाद एहतियात बरतते हुए प्रशासन ने गैस से प्रभावित इलाके में पानी की सप्लाई बंद कर दी है।
गैस रिसाव के चलते मदर इंडिया कॉलोनी में रह रहे लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ा है ,गैस लीकेज के दौरान घरों में रह रहे लोगों को तेज बदबू और खांसी के साथ -साथ आँखों में जलन व आसूं आने लगे। जिससे लोगों को मजबूरन घर से बाहर निकलना पड़ा। सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होने के चलते तीन लोगों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनकी हालत अब ठीक बताई जा रही है और इन्हे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
इस ‘गैस कांड’ की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर मौके पर पहुंच गए। क्लोरीन गैस लीकेज की यह घटना बुधवार रात भोपाल की मदर इंडिया कॉलोनी बस्ती में हुई है। मौके पर पहुँची नगर निगम की टीम द्वारा की गई घटना की शुरुआती जांच में मालूम हुआ कि क्लोरीन गैस का रिसाव बस्ती के पास ही बने वाटर फिल्टर प्लांट से हो रहा है। दरअसल इस प्लांट में लगे 900 किलोग्राम के सिलेंडर का नोजल खराब होने के चलते सिलेंडर से गैस लीक हो रही थी। इस लीकेज को रोकने के लिए नगर निगम की टीम ने गैस सिलेंडर को क्रेन की सहायता से पानी में डाल दिया , साथ ही पांच किलो कास्टिक सोडा डाल कर गैस लीकेज को बंद किया गया।
भोपाल क्लोरीन गैस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ने घटना की जांच कराने की मांग की है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि “मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की मदर इंडिया कॉलोनी में क्लोरीन गैस टैंक के लीकेज होने से लोगों को आंखों में जलन एवं सांस लेने में तकलीफ व कुछ लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की खबर सामने आयी है, पीड़ितों के इलाज की पूर्ण व्यवस्था हो, मामले की जांच हो, सुरक्षा के सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं”
भोपाल में हुए इस घटना की तह तक जाने के लिए शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इस पूरे हादसे की जांच के लिए आदेश दिए हैं। उनके अनुसार जांच के बाद दोषी पाया जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस तरह की घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाए जायेंगे। गौरतलब है कि अचानक से हुई इस गैस कांड ने लोगों को भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी है। करीब 38 साल पहले भोपाल में स्थित “यूनियन कार्बाइड ” नामक कंपनी के कारखाने से एक जहरीली गैस “मिथाइलआइसोसाइनाइट” (एमआईसी) का रिसाव हुआ था। इस गैस कांड ने तकरीबन पंद्रह हजार लोगों की जान लेने के साथ -साथ बहुत सारे लोगों को अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन का भी शिकार बनाया था ।