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इंडिया बनाम भारत पर सियासत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से भेजे गए रात्रिभोज के निमंत्रण पर मंगलवार को राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। जी-20 सम्मेलन के सिलसिले में भेजे गए इस निमंत्रण पत्र में उन्हें ‘प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत’ लिखा हुआ है। जिसको लेकर विपक्षी दलों ने ये आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार देश के नाम के तौर पर ‘इंडिया’ शब्द का इस्तेमाल बंद कर रही है और इसे अब केवल ‘भारत’ कहे जाने की योजना बना रही है। विपक्षी दलों के इन आरोपों पर केंद्र सरकार या राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से अब तक किसी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है लेकिन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के सोशल मीडिया हैंडल पर किए गए एक पोस्ट से इन खबरों की पुष्टि की जा सकती है।

 

नौ सितंबर के लिए राष्ट्रपति की ओर से दिए जा रहे रात्रि भोजन कार्यक्रम के लिए धर्मेंद्र प्रधान को जो निमंत्रण पत्र भेजा गया है, उसे उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया है। यह रात्रिभोज नए बने ‘भारत मंडप’ में होने वाला है और निमंत्रण पत्रों पर सामान्य तौर पर लिखे जाने वाले ‘प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत’ लिखा गया है। सोशल मीडिया पर ये निमंत्रण पत्र वायरल हो रहा है। एक ओर, विपक्षी दलों का ये आरोप है कि बीजेपी ‘इंडिया’ गठबंधन से डर गई है तो दूसरी तरफ़ सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं का कहना है कि ‘भारत’ नाम के इस्तेमाल में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि ये संविधान का हिस्सा है।

कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि “जी20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए निमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ ‘इंडिया’ की जगह रिपब्लिक ऑफ ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। ‘इंडिया’ से इतना डर? यह विपक्ष के लिए मोदी सरकार की नफरत है या एक डरे और सहमे हुए तानाशाह की सनक?”

पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा, “तो ये ख़बर सचमुच सही है। राष्ट्रपति भवन ने नौ सितंबर को होने वाले जी-20 के डिनर प्रोग्राम का जो निमंत्रण भेजा है, उसमें सामान्य तौर पर इस्तेमाल होने वाले ‘प्रेसीडेंट ऑफ़ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसीडेंट ऑफ़ भारत’ लिखा है। संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा है। ‘भारत जो कि इंडिया है, राज्यों का संघ है। इसलिए अब इस ‘राज्यों के संघ’ पर हमला किया जा रहा है।”

वहीं जयराम रमेश ने कहा, ‘मोदी इतिहास के साथ छेड़छाड़ और इंडिया को बांटना जारी रख सकते हैं, जो भारत है, जो राज्यों का संघ है। लेकिन हम नहीं रुकेंगे, आख़िरकार ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों का मक़सद क्या है? ये भारत है- ब्रिंग हार्मनी, एमिटी, रिकंसिलिएशन एंड ट्रस्ट. जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया।’

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को भारत बनाम इंडिया विवाद पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर बोले, ‘उन्हें हर चीज़ से समस्या होती है। मैं उन्हें कुछ नहीं कहना चाहता। मैं एक भारतवासी हूं। मेरे देश का नाम भारत है और हमेशा भारत रहेगा। अगर कांग्रेस को इससे समस्या है तो उन्हें इसका समाधान करना चाहिए।’

‘एक प्रचलित गाना भी है कि भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। ये तो राम कृष्ण और भरत जो हुए, उस राम की परंपरा के नाम पर भारत नाम पड़ा है। इंडिया नाम तो विदेशियों का दिया हुआ है। अगर राजद और जदयू के लोगों को भारत के नाम से चिढ़ है और भारत का नाम न लेना चाहें तो वे भारत को इंडिया ही बोल सकते हैं।’

बीजेपी के ‘इंडिया शाइनिंग’ और ‘डिजिटल इंडिया’ की याद दिलाते हुए जयराम रमेश कहते हैं, “याद कीजिए कि वो बीजेपी ही थी जो ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा लेकर आई थी और जिसके जवाब में कांग्रेस ने पूछा था कि ‘आम आदमी को क्या मिला।’ ये भी याद कीजिए कि वो बीजेपी ही थी जो ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्टार्ट अप इंडिया’, ‘न्यू इंडिया’ और भी चीज़ें लेकर आई थी और जिनके जवाब में कांग्रेस ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की, जिसके लॉन्च की सालगिरह हालही में होगी।’

अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “देश 140 करोड़ लोगों का है, किसी एक पार्टी का देश थोड़े ही है। अगर कल मान लीजिए इस ‘इंडिया’ एलायंस ने अपना नाम बदलकर भारत रख लिया, तो फिर वे (भाजपा) भारत का नाम भी बदल देंगे? फिर क्या भारत का नाम बीजेपी रख देंगे। ये क्या मज़ाक है? हज़ारों साल पुराना हमारा देश है, उसका नाम केवल इ​सलिए बदला जा रहा है कि ‘इंडिया’ एलायंस बन गया है। बीजेपी को लग रहा है कि ऐसा करने से ‘इंडिया’ एलायंस के थोड़े वोट कम हो जाएंगे। ये तो देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं।’

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जी 20 शिखर सम्मेलन के रात्रि भोज के निमंत्रण पत्र पर प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत लिखा जाना हम सब भारतवासियों के लिए गौरव का क्षण है, और माननीय प्रधानमंत्री जी का, जो गुलामी की मानसिकता है, उससे बाहर निकालने के लिए श्रेष्ठ कदम उठाया है। हम बचपन से ही भारत माता की जय करते हुए बड़े हुए हैं। हमने बचपन से भारत माता का जयघोष सीखा है। यह हमारे संस्कारों में है। उन्होंने इस विवाद के लिए विपक्ष को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है, “विपक्ष के लोगों के पास कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए इस प्रकार के मुद्दों को बेवजह उठाते हैं। जो भी काम मोदी जी देश के लिए कर रहे हैं, उन सभी पर सिर्फ विरोध के लिए विरोध जताना है।’

 

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