[gtranslate]
Country

भारत जोड़ो यात्रा मेरी सियासी पारी का आखिरी पड़ाव : सोनिया गांधी

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और संसदीय दल प्रमुख सोनिया गांधी ने रायपुर में पार्टी के सम्मेलन में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दिया है। दरअसल सोनिया गांधी ने शनिवार को लगभग 15 हजार कार्यकर्ताओं के सामने एक छोटे से भाषण में कहा, “भारत जोड़ो यात्रा’ ने पार्टी और देश को एक निर्णायक मोड़ दिया है। मुझे बहुत खुशी है कि मेरा राजनीतिक सफर इस यात्रा के साथ समाप्त हो रहा है।”
सोनिया गांधी ने अपने भाषण में माना कि दो दशक बाद पार्टी के सूत्र अब दूसरे नेताओं के पास जा रहे हैं। सोनिया गांधी के भाषण से पहले उनके करियर की समीक्षा करते हुए एक वीडियो टेप दिखाया गया था।  इसका जिक्र करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मैं समझती हूं कि मैं बूढ़ी हूं।  अब युवा पीढ़ी पार्टी की कमान संभालने के लिए आगे आई है। उन्हें भी खड़गे के नेतृत्व में पार्टी को आगे बढ़ाना चाहिए! मैं 90 के दशक में राजनीति में आई थी। इन 25 सालों में पार्टी ने सफलता का शिखर और असफलता की मायूसी को देखा है। कांग्रेस ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव जीते।
सोनिया गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के कर्नाटक चरण में भाग लिया था। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में राहुल गांधी का नेतृत्व महत्वपूर्ण रहा। वर्तमान में कांग्रेस और देश दोनों संकट में हैं, गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। पार्टी को उनके खिलाफ लड़ने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। इसके लिए पार्टी के नेताओं को अपनी महत्वाकांक्षाओं को किनारे रखना चाहिए। देश और पार्टी के लिए कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना चाहिए। कांग्रेस ने अतीत में संघर्ष से सफलता हासिल की है, भविष्य में भी संघर्ष से सफलता हासिल करनी होगी। सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस जीतेगी तो देश भी जीतेगा।
गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल से सार्वजनिक रूप से सोनिया गांधी की राजनीति मौजूदगी कम होती जा रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी को संभालने के लिए पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष का पद संभाला। हालाँकि, राहुल गांधी पार्टी के असली मामलों को चलाते दिख रहे थे। हालांकि पार्टी में अहम फैसले सोनिया से सलाह करके लिए जाते थे, लेकिन निर्णय लेने की प्रक्रिया में राहुल का ‘हस्तक्षेप’ होता था।  इससे पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ गया और बागी ‘जी-23’ समूह ने राहुल गांधी के नेतृत्व का विरोध किया। सोनिया गांधी ने इस संघर्ष में मध्यस्थता करने की कोशिश की। बागी गुट के नेताओं के साथ पांच घंटे चली बैठक के बाद सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का अहम फैसला लिया। उनके आदेशानुसार मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी अध्यक्ष चुनाव के 20 साल बाद पहली बार पार्टी अध्यक्ष बने।
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा-संघ ने देश की हर संस्था की आजादी को खत्म कर दिया है। विपक्ष की आवाजों को बेरहमी से दबा दिया गया है। देश की अर्थव्यवस्था खराब हो गई है। दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं का लगातार दमन हो रहा है। पूरा देश नफरत की आग में घुट रहा है, लोग डर के साए में जी रहे हैं। कांग्रेस को देश में चुनौतीपूर्ण स्थिति के खिलाफ लड़ना चाहिए। सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं है बल्कि खुले वातावरण में समानता और आर्थिक समृद्धि पैदा करने का एक साधन है। सोनिया गांधी ने सुझाव दिया कि भाजपा-संघ के खिलाफ लड़ने के लिए साहसपूर्वक आगे बढ़ें, लोगों से मिलें, उनसे संवाद करें, तभी कांग्रेस सफल होगी।

You may also like

MERA DDDD DDD DD