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हॉकी में अब बंगाल का होगा रुतबा

देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। लेकिन कई राज्यों में इस खेल के मैदान अभी नहीं हैं। इनमें से एक है कोलकाता महानगर।यहां हॉकी के कई बड़े खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर चुके हैं बावजूद इसके यहाँ में खिलाडियों के खेल आयोजन के लिए कोई स्टेडियम नहीं है। नतीजन
पिछले कुछ दशकों से बंगाल राष्ट्रीय खेल में तेजी से पिछड़ता चला जा रहा है । बंगाल के मुकाबले झारखंड ,ओडिशा जैसे राज्य खेल के सम्बन्ध में आगे निकल गए हैं । लेकिन अब बंगाल भी राष्ट्रीय खेल के विकास में पूरा योगदान देने में जुट गया है। कड़े संघर्षों और लम्बे अंतराल के बाद कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है । साथ ही ये संभावना जताई जा रही है कि इसका निर्माण कार्य अगले वर्ष तक पूरा हो जायेगा। इस धरती ने राष्ट्रीय खेल हॉकी को केशव दत्त लेस्ली क्लाउडियस, वेस पेस , जसवंत सिंह , वीर बहादुर छेत्री और गुरबख्श सिंह जैसे कई हॉकी खिलाड़ी दिए हैं। इस स्टेडियम के निर्माण होने से बंगाल और भी ऐसे खिलाडी दे पायेगा।

कोलकाता में अब बड़े स्तर पर हॉकी स्टेडियम बन रहा है। जहां खिलाडी न सिर्फ अभ्यास कर पाएंगे बल्कि इस खेल का आयोजन भी करवाया जा सकता है। दरअसल बंगाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला हॉकी स्टेडियम बनने जा रहा है। हाकी बंगाल के संयुक्त सचिव मोहम्मद खालेद हुसैन के अनुसार बंगाल समय के साथ -साथ चल नहीं पाया। इसके वजह से बंगाल राष्ट्रीय खेल में पिछड़ गया । अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच अब एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड में होते हैं। जबकि राज्य में ऐसा एक भी स्टेडियम नहीं है हॉकी मैच का आयोजन किया जा सकता । यहां दशकों से एक भी अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैच नहीं हो पाया है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी आफ इंडिया के कोलकाता कैंपस में एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड है। लेकिन इस ग्राउंड में केवल खिलाडियों द्वारा अभ्यास ही किया जा सकता है। किसी बड़े मैच का आयोजन नहीं किया जा सकता । एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड वाले स्टेडियम के लिए दशकों पहले बंगाल ने मुहिम शुरू की थी। दो हजार दस में काफी संघर्षों के बाद बंगाल सरकार से चार एकड़ जमीन मिली लेकिन कई कारणों से इस स्टेडियम का निर्माण शुरू नहीं हो पाया। लेकिन अब काफी लम्बे अंतराल के बाद इस स्टेडियम पर काम शुरू किया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप अगले साल तक बंगाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर का हॉकी स्टेडियम देखने को मिलेगा।

बंगाल में काफी जद्दोजहद के बाद एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड वाले स्टेडियम को 20 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। कार्य निर्माण पूरा होने के बाद इस हॉकी स्टेडियम में विश्व स्तरीय पर आयोजन की जाने वाले खेलों की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी । जैसे अत्याधुनिक फ्लड लाइट, खिलाडिय़ों के लिए बड़े ड्रेसिंग रूम, मैच अधिकारियों के कक्ष से लेकर सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जायेगा । पांच हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था इस स्टेडियम में की जाएगी। हॉकी खिलाडियों के लिए ग्राउंड में एस्ट्रो टर्फ बिछाएं जा रहें है जिसे बिछाने में 270 दिन का समय लगेगा। ऐस्ट्रो टर्फ एक ऐसा ग्राउंड है जहां प्लास्टिक की घास बिछाई जाती है।

एस्ट्रो टर्फ एक ऐसा ग्राउंड है जो सिंथेटिक तरीके से बनाया जाता है , इस ग्राउंड को कृत्रिम घास द्वारा तैयार किया जाता है । कृत्रिम रूप से तैयार किये गए इस ग्राउंड में पानी डाला जाता है। जिसके बाद ही खिलाडी इस ग्राउंड का प्रयोग हॉकी खेल के लिए करते है। गौरतलब है कि प्राकृतिक हरी घास वाले मैदान पर अंतरराष्ट्रीय हॉकी मैचों की अनुमति नहीं है।गौरतलब है कि कोलकाता जैसे महानगर में राष्ट्रीय खेल के लिए कोई ग्राउंड नहीं है। मौजूदा समय में राज्य व राष्ट्रीय स्तर के हॉकी टूर्नामेंट ईस्ट बंगाल व मोहन बगान के फुटबॉल ग्राउंड पर कराए जाते है।

गुरबख्श सिंह ने इस स्टेडियम को बनवाने के लिए कड़े प्रयास किये है। उनके मुताबिक बंगाल में हॉकी के खेल के लिए सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। हलाकि यहां टैलेंट की कोई कमी नहीं है। बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों में चार-चार एस्ट्रो टर्फ ग्राउंड हैं। पंजाब में ही अकेले ऐसे 10 ग्राउंड मिलते है। कोलकाता में हॉकी स्टेडियम बन जाने के बाद बंगाल को हॉकी खेल में पहले जैसा रुतबा हासिल होगा।’

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