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राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ता बंगाल !

पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा से पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में टकराव बढ़ता ही जा रहा है।ऐसे में आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं कि चुनाव से पहले  ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा  कोई कसर बाकी रखना नहीं चाहती है और राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष  जेपी नड्डा के काफिले पर हुए  हमले के बाद से पार्टी आगबबूला है। तृणमूल कांग्रेस की ओर से भाजपा नेताओं की खिल्ली  उड़ाई गई। मुख्यमंत्री  ममता बनर्जी ने भी नड्डा को लेकर अपने अंदाज में वार किया। बीजेपी के नेताओं ने राज्य  में राष्ट्रपति  शासन लगाने की मांग की है। इसके बाद राजयपाल जगदीप धनखड़ का रुख बेहद सख्त  हो गया है। उन्होंने  ममता सरकार को एक तरह से चेतावनी दे दी  है कि वह संविधान के दायरे में रहकर काम करे।

धनखड़ ने  कहा कि अगर संविधान का पालन नहीं हुआ तो उनकी भूमिका शुरू हो जाएगी। इशारों में ही सही लेकिन धनखड़ ने राष्ट्रपति  शासन की चेतावनी तो दे डाली  है। गवर्नर ने केंद्र को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें राज्य  की कानून-व्यवस्था  पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। लेकिन  राष्‍ट्रपति शासन के लिए इतना काफी है?

भारत के संविधान का अनुच्छेद  356 में राज्यों  ‘संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में’ क्या  किया जाए, यह बताता है। अगर राष्ट्रपति को लगता है कि राज्य की सरकार ठीक तरह से काम नहीं कर पा रही है तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति उस राज्य के राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर ही यह फैसला लें। यह अनुच्छेद एक साधन है जो केंद्र सरकार को किसी नागरिक अशांति जैसे कि दंगे, जिनसे निपटने में राज्य सरकार फेल रही हो, की दशा में किसी राज्य सरकार पर अपना अधिकार स्थापित करने में सक्षम बनाता है।

दरअसल पश्चिम बंगाल के कोलकाता के डायमंड हार्बर में बीजेपी अध्यक्ष  जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद  राज्यपाल  ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस  की। इसमें गवर्नर ने राज्य  की सीएम ममता बनर्जी से अपील करते हुए कहा, ‘आप अगर संवैधानिक राह से भटकती हैं तो मेरी भूमिका  की शुरुआत होती है। गुजारिश करता हूं कि आप संविधान के खिलाफ काम नहीं करेंगी।’ इस बीच केंद्र ने 14 दिसंबर को राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब किया है।

प्रेस से बात करते हुए राज्य पाल  ने कहा, भारत के संविधान की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। राज्य में कानून और व्यवस्था की हालत बहुत खराब है। बंगाल में संविधान की मर्यादाएं टूट रही हैं। डायमंड हार्बर में नड्डा के काफिल पर हमला हमला है। ममता को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। ममता को संविधान का पालन करना होगा।

जो हुआ दुर्भाग्‍यपूर्ण, प्रजातंत्र पर धब्‍बा’

जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्‍यपूर्ण हैं हमारे प्रजातांत्रिक मूल्‍यों पर धब्‍बा हैं। सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन कल ऐसा नहीं हुआ। सिलीगुड़ी में भी ऐसा हुआ। प्रदर्शनकारियों को डराया धमकाया गया। यह सब ऐसे दिन हुआ जब  मानवाधिकर दिवस था।

‘सरकारी मुलाजिम पार्टी मेंबर की तरह काम कर रहे’ 

सरकारी मुलाजिम राजनीतिक दलों के सदस्‍यों की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे 21 लोगों की सूची  है मेरे पास है। मैं सीएम ममता बनर्जी के साथ यह ब्‍योरा साझा करूंगा। मैं पहले भी इससे जुड़ी बातें साझा करता रहा हूं।’

विजयवर्गीय पर भी हुआ था हमला

बीजेपी नेताओं पर हुए पथराव के अलावा कार्यकर्ताओं पर लाठी-डंडे से हमला भी किया गया। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी काफिले में मौजूद थे। उनकी भी गाड़ी के शीशे तोड़े गए। इस घटना के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए उन्‍होंने कहा, कि इस तरह के हमले की उन्हें पहले ही आशंका था और उन्होंने सीएम को पत्र लिखा था।

‘राज्‍य में संवैधानिक मशीनरी फेल’

हमलों के बाद धनखड़ ने राज्‍य के डीजीपी और मुख्‍य सचिव को अपने यहां तलब किया था। मुलाकात के बाद धनखड़ ने फिर से ट्वीट किया कि, ‘अफसोस है कि दोनों ने बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा  के काफिले पर हुए हमले की घटना पर मुझे कोई जानकारी नहीं दी। लगातार उनके प्रतिक्रियाहीन रवैये से संकेत मिलता है कि राज्‍य में संवैधानिक मशीनरी फेल हो गई है।’

 अलर्ट करने के बाद ,फिर कानून तोड़ा 
इसके पहले राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष के काफिले पर सत्ताधारी पार्टी और राजनीतिक पुलिस के समर्थन से हुए हमले की खबरों से चिंतित  हूं। आज  ही मुख्य सचिव और डीजीपी को इस बारे में अलर्ट किया था फिर भी कानून को तोड़ा गया।’

‘ममता सरकार पर आ रही शर्म’
इसके बाद जगदीप धनखड़ ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने 8 दिसंबर का वह पत्र भी ट्वीट किया जो बीजेपी अध्यक्ष के दौरे के पहले उन्होंने राज्य सरकार और उनके मुख्य सचिव को लिखा था। जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार को टैग करते हुए कहा कि राज्य के संवैधानिक मुखिया होने के नाते मुझे आपके ऊपर (ममता सरकार) पर शर्म आ रही है। जो घटना हुई यह आपके अपने कर्तव्‍यों को ठीक से न निभाने की वजह से हुआ है।
ममता बोलीं- जब देखो उनके चड्ढा, नड्डा, फड्डा, भड्डा…
सीएम ममता बनर्जी ने पथराव की इस घटना को बीजेपी का नाटक बताते हुए कहा, उनके पास कोई और काम नहीं, सबके सब यहीं जमे रहते हैं। ममता ने कहा, ‘उनके (बीजेपी) पास कोई और काम नहीं है। अक्सर  गृह मंत्री यहां होते हैं, बाकी समय उनके चड्ढा, नड्डा, फड्डा, भड्डा यहां होते हैं। जब उनके पास कोई दर्शक नहीं होता है, तो वे अपने कार्यकर्ताओं को नौटंकी करने के लिए कहते हैं।’

जगदीप धनखड़ की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की बड़ी बातें

1- भारत के संविधान की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। ममता को संविधान का पालन करना होगा।
2- राज्य में कानून और व्यवस्था की हालत बहुत खराब है। बंगाल में संविधान की मर्यादाएं टूट रही हैं।
3-नड्डा के काफिले पर हमला लोकतंत्र पर हमला है। ममता को इसके लिए माफी मांगनी चाहए
4-लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है। कल का हमला लोकतंत्र पर एक धब्बा है।
5- ये बाहर के हैं, भारतवर्ष में किसी नागरिक के लिए यह कहना संविधान की आत्मा के खिलाफ है।

इस सब के बीच अब  पश्चिम बंगाल  के चीफ सेक्रेटरी अल्पन बंदोपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र केंद्रीय गृह मंत्रालय के समन के बावजूद आज की मीटिंग में शामिल हुए।

इससे पहले पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अल्पन बंदोपाध्याय ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें 14 दिसंबर को आयोजित होने वाली बैठक में नहीं शामिल होने के लिए राज्य की तरफ से कहा गया है।  राज्य  सरकार ने राज्य के अधिकारियों को मीटिंग से दूर रहने का निर्देश दिया है।  इस मामले को प्रदेश  सरकार पहले से ही गंभीरता से उठा रही है।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अल्पन बंदोपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण देने के लिए कल 14 दिसंबर को खुद पेश होने के लिए कहा था।

राज्य  सरकार ने इससे पहले  को बीजेपी  के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा  के काफिले पर भीड़ के हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय के समन के अनुपालन में राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को नई दिल्ली नहीं भेजने का फैसला किया था।

इस हमले के बाद अब बीजेपी के महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विजयवर्गीय के काफिले में अब बुलेटप्रूफ गाड़ी रहेगी और साथ ही सुरक्षाकर्मियों को भी बढ़ाया गया है। विजयवर्गीय को पहले से Z कैटगरी की सुरक्षा मिली है। इसके अलावा पूर्व में ममता की पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वह अब भाजपा में जा सकते है। इसके चलते ही ममता के पूर्व मंत्री ने बगावती रुख अपनाया हुआ था। फिलहाल भाजपा ने ममता की पार्टी के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी को भी जेड सुरक्षा दे दी है। इसी के साथ अब अधिकारी का भाजपा में जाना तय है।

बता दें कि पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जब कोलकाता से दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर जा रहे थे, तब उनके काफिले के साथ जा रहे कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर हमला हुआ था।  इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्रालय ने काफी सख्ती दिखाई थी।

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को समन जारी कर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के समक्ष पेश होकर नड्डा के काफिले पर हमले के संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा था , लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने उन समन को खारिज कर दिया था।

कैलाश विजयवर्गीय लगातार पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।  कैलाश विजयवर्गीय ने  कहा कि राज्य में ‘वर्तमान राजनीतिक हिंसा एवं आतंक के माहौल’ पर ‘पूर्ण विराम’ लगाने के लिए बंगाल में तत्काल केंद्रीय बलों को तैनात किया जाना चाहिए।

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