पिछले तीन दिनों से ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के मुंबई और दिल्ली के दफ्तरों में जारी आयकर विभाग का सर्वे बृहस्पति की रात को खत्म हो गया है। आयकर विभाग का ये सर्वे दिल्ली के दफ्तर में 60 घंटे तो वहीं मुंबई स्थित बीबीसी दफ्तर में 55 घंटों तक चला। सर्वे के दौरान आईटी अधिकारियों ने बीबीसी के कार्यालय से कई दस्तावेज, पेन ड्राइव और हार्ड ड्राइव आदि भी जब्त किए हैं।
सर्वे समाप्त होने के बाद बीबीसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि “सर्वे समाप्त हो गया है। आयकर अधिकारियों ने दिल्ली और मुंबई में हमारे कार्यालयों को छोड़ दिया है। हम अधिकारियों के साथ आगे भी सहयोग करना जारी रखेंगे और आशा करते हैं कि मामलों को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा। हम कर्मचारियों को सहयोग कर रहे हैं। कुछ कर्मचारियों ने लंबी पूछताछ का सामना किया है या उन्हें रात भर रुकना पड़ा है और उनका कल्याण हमारी प्राथमिकता है। हमारा आउटपुट सामान्य हो गया है और हम भारत और उसके बाहर अपने दर्शकों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीबीसी एक विश्वसनीय, स्वतंत्र मीडिया संगठन है और हम अपने सहयोगियों और पत्रकारों के साथ खड़े हैं, जो बिना किसी भय या पक्षपात के रिपोर्ट करना जारी रखेंगे।”
Update on India: pic.twitter.com/rghvE6OpfQ
— BBC News Press Team (@BBCNewsPR) February 16, 2023
डॉक्यूमेंट्री से जोड़ा जा रहा आईटी का सर्वे
बीबीसी के दफ्तरों में किये गए इस सर्वे को हालही में विवादित रही बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ से से जोड़ा जा रहा है। बुधवार को कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा केंद्र के विरोध में कहा कि मोदी सरकार के अनुसार बीबीसी राष्ट्रविरोधी संस्थान है, क्योंकि इन्होंने सच लिख दिया। आगे उनहोंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सत्ता का हथौड़ा मारा जा रहा है, हम इसका विरोध करते हैं। जैसे आरएसएस की शाखा होती है, वैसे ही ईडी, सीबीआई, आईटी की भी अलग-अलग देशों में शाखा बना देनी चाहिए। जिससे ये हिंडनबर्ग जैसे संस्थानों को भी चुप करा सकें। इन्होने सारे देश का मजाक बना कर रख दिया है।
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि ये बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का राजनीतिक बदला है। जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ममता बनर्जी ने केंद्र पर तंज कस्ते हुए कहा कि बीजेपी मीडिया को नियंत्रित कर रही है। इस प्रकार की कार्यवाहियां प्रेस की स्वतंत्रता पर बुरा प्रभाव डालती हैं। आगे उन्होंने कहा कि एक दिन देश में मीडिया नहीं रहेगा। केंद्र लोगों के जनादेश की परवाह नहीं करते, उनका एकमात्र जनादेश तानाशाही है। वे हिटलर से भी आगे हैं।
डॉक्यूमेंट्री क्या है
बीबीसी द्वारा बनाई गई यह डॉक्यूमेंट्री साल 2002 में हुए गुजरात दंगों पर आधारित है। इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नाम से बनाई गई यह डॉक्यूमेंट्री दो एपिसोडों में बनाई है। जिसका पहला एपिसोड 17 जनवरी को प्रसारित किया गया और दूसरा 24 जनवरी को। डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड में नरेंद्र मोदी के शुरुआती राजनीतिक जीवन को दिखाया गया है। किस प्रकार वे राजनीति में आगे बढ़ते हुए गुजरात के मुक्यमंत्री के पद पर पहुंचे और गुजरात दंगों में उनका क्या रोल था । बीबीसी द्वारा बनाई गई यह पूरी डॉक्यूमेंट्री एक अप्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित है जिसे बीबीसी ने ब्रिटिश फ़ॉरेन ऑफ़िस से प्राप्त किया है। ब्रिटिश विदेश विभाग की रिपोर्ट का दावा किया गया है कि मोदी साल 2002 में गुजरात में हिंसा का माहौल बनाने के लिए ‘प्रत्यक्ष रूप से ज़िम्मेदार’ थे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिया जा चुका है। जिसके आधार पर केंद्र सरकार वीडियो प्रसारित किये जाने वाले सभी प्लेटफॉर्मों से वीडियो को हटा देने की घोषणा की है। केंद्र का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री में तथ्यों को गलत तरीके से और तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है।