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बंगाल की खाड़ी में चक्रवात

 

आज यानी 8 दिसंबर 2002, को मौसम विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट का कारण बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात मांडोस आने का खतरा बताया जा रहा है। इस चक्रवात का अगले 48 घंटे के भीतर आने की संभावना बताई जा रही है। लेकिन फिलहाल इस खतरे से बंगाल को सुरक्षित बताया जा रहा है। इसे संयुक्त अरब अमीरात में इस चक्रवात को मांडोस का नाम दिया गया है। चक्रवात के 8 दिसंबर तक बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी, उत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों और इससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश तक पहुंचने की उम्मीद है। यह बाद के 48 घंटों के दौरान पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना बताई जा रही है। 

बंगाल के मौसम पर पड़ेगा असर 

 
मौसम विभाग ने बताया कि मांडोस का सीधा असर बंगाल पर नहीं पड़ेगा। लेकिन इसका असर बंगाल के मौसम में देखा जायेगा। बंगाल राज्य के लोग दिसंबर की शुरुआत में हलकी सर्दी का मौसम है लेकिन चक्रवात के बाद ज्यादा ठंड बढ़ सकती है। आईएमडी ने गुरुवार को तमिलनाडु के 13 जिलों और शुक्रवार को 12 जिलों के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है। 8 दिसंबर को तिरुवल्लूर, चेन्नई, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची, कुड्डालोर, अरियालुर, पेराम्बलूर, माइलादुथुराई, तंजावुर, तिरुवरूर और नागपट्टिनम में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। तिरुवल्लूर, चेन्नई, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, विल्लुपुरम, तिरुवन्नामलाई, रानीपेट, वेल्लोर, तिरुपत्तूर, कृष्णागिरी, धर्मपुरी और सलेम को 9 दिसंबर को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

एनडीआरएफ की टीमें तैनात
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने बैठक के दौरान कहा कि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी के अधिकारियों को निवारक और एहतियाती उपाय करने चाहिए। ऐसे प्रबंध किए जाने चाहिए कि बिजली और दूरसंचार जैसे बुनियादी ढांचे को कम से कम क्षति हो और जानमाल का नुकसान बचाया जा सके। वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने तमिलनाडु के लिए पांच और पुडुचेरी के लिए तीन दल तैयार किए हैं। सेना और नौसेना के बचाव और राहत दल भी आवश्यक मदद के लिए तैयार है। साथ ही कोस्ट गार्ड की टीमें भी तैयार हैं।

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