कर्नाटक में करीब दो हफ्तों से चल रही नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बसवराज बोम्मई ने आज यानी 28 जुलाई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बोम्मई आज से राज्य की कमान संभालेंगे। बोम्मई ने कर्नाटक के 23वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।राजभवन के ग्लास हाउस में राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरुप्पा भी मौजूद रहे। इसके अलावा भाजपा के कई बड़े केंद्रीय और राज्य के वरिष्ठ नेता भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
दरअसल , बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कल 27 जुलाई की शाम को केंद्रीय पर्यवेक्षकों धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी और कर्नाटक भाजपा प्रभारी अरुण सिंह की देखरेख में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें येदियुरप्पा ने अपने करीबी और लिंगायत समुदाय से आने वाले राज्य के गृहमंत्री बोम्मई के नाम का प्रस्ताव रखा, जिन्हें सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। देर रात बोम्मई ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की।
इससे पहले बसवराज बोम्मई और जगदीश शेट्टार ने बंगलूरू में पर्यवेक्षक व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी से मुलाकात की थी। येदियुरप्पा के कुर्सी छोड़ने के बाद बोम्मई के साथ-साथ कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी, केंद्रीय कोयला खनन मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्रलाद जोशी और लिंगायत समुदाय से आने वाले कर्नाटक के कोयला और खनन मंत्री मुरुगेश निरानी का नाम भी चर्चा में था। बताया जा रहा है कि बोम्मई के नाम पर लिंगायत समुदाय भी राजी था।

2023 विधानसभा चुनाव में सत्ता का गणित साधने की कोशिश
2023 के चुनाव में लिंगायतों से ही सत्ता का गणित साधने की कोशिश
कर्नाटक की आबादी में लिंगायत समुदाय की भागीदारी करीब 17 फीसदी है। 224 सदस्यीय विधानसभा सीटों पर 100 से ज्यादा सीटों पर लिंगायत समुदाय का प्रभाव है। ऐसे में भाजपा ने येदियुरप्पा के हटने के बाद लिंगायत समुदाय के ही किसी व्यक्ति को नया सीएम बनाकर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता का गणित साधने की कोशिश की है।
12 साल पहले भाजपा में शामिल हुए, अब बने ‘नायक’
सादर लिंगायत समुदाय से आने वाले बसवराज पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं। खेती से जुडे़ होने के नाते उन्हें कर्नाटक के सिंचाई मामलों का जानकार माना जाता है। राज्य में कई सिंचाई परियोजनाएं शुरू करने की वजह से उनकी सराहना की जाती है। उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में भारत की पहली 100 फीसदी पाइप सिंचाई परियोजना लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है। उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बसवराज 2008 में भाजपा में शामिल हुए और तब से लगातार पार्टी में ऊपर चढ़ते चले गए। वह पहले राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथ की थी।
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61 वर्षीय बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुबली में हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री एसआर बोम्मई के पुत्र बसवराज कर्नाटक में भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार हैं। उन्होंने भूमाराद्दी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से 1982 में बीई की डिग्री ली। बसवराज बोम्मई इस साल के शुरुआत में कर्नाटक के गृह मंत्री बनाए गए थे। वे कर्नाटक विधानसभा के 2004 से 2008 तक भी सदस्य रहे हैं। वह धारवाड़ से 1998 और 2004 में विधायक चुने गए। जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने तो वे हावेरी जिले के शिगांव निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए। उनका पूरा नाम बसवराज सोमप्पा बोम्मई है। कर्नाटक के गृह मामले, कानून, संसदीय मामले के मंत्री रहे बोम्मई ने हावेरी और उडुपी के जिला प्रभारी मंत्री के रूप में भी कार्य किया। इससे पहले उन्होंने जल संसाधन और सहकारिता मंत्री के रूप में कार्य किया है। बसवराज ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई की है। बसवराज ने करियर की शुरुआत टाटा समूह से की थी। वह मैकेनिकल इंजीनियर होने के साथ ही पेशे से किसान और उद्यमी भी हैं।