[gtranslate]
Country

बंगाल में फेल होती हुई भाजपा की रड़नीति

पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे करीब आती जा रही हैं भाजपा आलाकमान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। टिकट डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर स्थानीय कार्यकर्ता लगातार विरोध जाहिर कर रहे हैं। भाजपा ने जैसे ही लिस्ट जारी की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी ने जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव और अनदेखी की है। इसको लेकर कई जगहों पर हिंसक विरोध-प्रदर्शन जैसे हालात हैं।
भाजपा ने शिखा मित्रा को चौरंगी और तरुण साहा को काशीपुर बेलगछिया से टिकट दिया, लेकिन दोनों नेताओं ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया।

दरअसल एक महीना पहले भाजपा के पक्ष में जो माहौल था अब वैसी स्थिति नहीं है। टिकट वापसी जैसी घटनाओं से लगता है कि पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं है।

इससे पहले 15 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को झाड़ग्राम में पार्टी की चुनावी रैली को संबोधित करना था. लेकिन इस रैली में पहुंच नहीं पाए अधिकारिक बयान में बताया गया कि हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी होने के कारण अमित शाह इस रैली को संबोधित नहीं कर पाए । लेकिन विपक्ष की माने तो झाड़ग्राम में उम्मीद के मुताबिक भीड़ ना होने के कारण इस रैली को वर्चुअल तरिके से ही संबोधित किया गया।
इससे पहले पीएम मोदी ने 7 मार्च को पश्चिम बंगाल आए थे। तब उन्होंने कोलकाता के बिग्रेड मैदान में जनसभा संबोधित किया था।जानकारों के मुताबिक इस सभा में भी उम्मीद के मुताबिक भीड़ नही थी । फिर प्रधानमंत्री की पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक जनसभा 20 मार्च को होनी थी। लेकिन जनसभा को दो दिन पहले  ही आयोजित कराया गया । नंदीग्राम में ममता बनर्जी के घायल होने के बाद भाजपा को अपनी रणनीति में भी बदलाव करना पड़ा ।  बीजेपी नेताओ को सूचित किया गया कि ममता पर निजी हमले के बजाय सरकार की नाकामियों को गिनाया जाये।

जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं ऐसा लग रहा है जैसे भाजपा का हिंदुत्व कार्ड भी कमजोर पड़ता जा रहा है।जो धुर्वीकरण की बात 1 माह पहले हो रही थी वो फीका पड़ता जा रहा है भाजपा ने इस बार करीब 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इससे भी समीकरण बदल गया है

You may also like

MERA DDDD DDD DD