देश में कोरोना वायरस के महामारी के बीच मुम्बई में बांद्रा के गरीब नगर के लोगों ने इंसानियत की मिसाल पेश की। मुस्लिम बहुल बस्ती में हिन्दू बुजुर्ग की मौत होने के बाद पड़ोसी मुस्लिमों ने पूरे हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करवाया।
मुस्लिमों ने ही नहलाया, सामान लाकर अर्थी बनाई और कंधे देकर शमसान ले जाकर पंचतत्व में विलीन भी किया। 3 अप्रैल को गरीब नगर में रहने वाले 68 साल के प्रेमचंद की मौत हो गई।
गरीबनगर के अमीर दिलवालों ने पेश की सामाजिक एकता की अनोखी मिसाल। बुजुर्ग प्रेमचंद की मौत पर जब अकेला बेटा अंतिम संस्कार करने में असमर्थ था तब पड़ोसी मुसलमानों ने शव को नहवाया, टिकठी बनाई,अर्थी को कंधे पर उठाया और पंचतत्व में विलीन करवाया। @ndtvindia@NDTVIndian pic.twitter.com/1L0in97hcj
— sunilkumar singh (@sunilcredible) April 10, 2020
जिस बेटे मोहन के साथ वो रहते थे। उसे हिन्दू धर्म के अनुसार अपने रीति रिवाज की जानकारी नहीं थी और दूसरे भाई नाला सोपारा में रहते हैं तो वो आ नहीं सकते थे। और भी दूसरे भाई-बहन लॉकडाउन में मुबंई से बाहर फंसे हैं, जहाँ से वो आ नही सकते हैं।
मोहन ने बताया कि मैं बचपन से ही गरीब नगर बस्ती में रहता हूं, मुझे ज्यादा जानकारी नहीं थी और लॉकडाउन की वजह से अपने लोगों की मदद भी नामुमकिन थी। तब पड़ोस के मुस्लिम परिवारों ने मिलकर अंतिम संस्कार में मदद की।