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UP में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण पर लगी अगले आदेश तक रोक

UP में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण पर लगी अगले आदेश तक रोक

देशभर में कोरोना का कहर जारी है। जिसे देखते हुए कल रात पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया। राज्य भी अपने स्तर पर इस महामारी से निपटने के लिए कार्य कर रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार की योगी सरकार ने इस साल होने वाले अधिकारियों के ट्रांसफर पर रोक लगा दिया है। इसमें आईएएस, आईपीएस, पीसीएस, पीपीएस सहित सभी कर्मियों के ट्रांसफर पर रोक शामिल है।

साथ ही इस आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के कारणों के आदेश तक ट्रांसफर पर रोक रहेगी। यह फैसला कोरोना के प्रकोप को देखते हुए लिया गया है। इसके अलावा वित्त पोषण, मृत्यु, बीमारी, प्रमोशन, निवास, निलंबन, बर्खास्तगी से खाली पदों को मंजूरी देने के बारे में ही तैनाती होगी। बेहतर स्थिति में मु ख्यमंत्री से बिना अनुमोदन नहीं होगा कोई तबादला भी नहीं होगा।

इसके पहले योगी सरकार ने कर्मचारियों को लेकर एक और बड़ा फैसला लिया था। कोरोनावायरस के कारण सभी कार्यालय और कारखाने बंद हो गए हैं। जिससे आर्थिक संकट को देखते हुए योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बैठक वाले 6 तरह के भरण को समाप्त करने का फैसला लिया था। इसको लेकर आज मंगलवार को इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से राज्य के 16 लाख कर्मचारियों को झटका लगा है।

सरकार ने यह आदेश जारी कर नगर रिपार, सचिवालय भत्ता, पीडब्लूडी के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते, अवर अभियंताओं को मिलने वाले भोजना को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। इस फैसले से राज्य के सभी कर्मचारियों में असंतोष का माहौल है।

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। ये सभी छह प्रकार के भक्तों को खत्म करने से सरकार को एक साल में तकरीबन 1500 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।

पिछले महीने योगी सरकार ने एक और महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का फैसला लिया था। सभी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए नहीं मिलेगा। कर्मचारियों का 1 जनवरी 2020 से जून 2021 तक का महंगाई भत्ता बंद रहने का फैसला था।

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