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‘जॉनसन बेबी पाउडर’ पर प्रतिबंध, जांच में फेल के बाद लाइसेंस रद्द

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कई सालों से मशहूर मल्टीनेशनल कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द करने का आदेश दिया है। यह बेबी पाउडर आमतौर पर नवजात शिशुओं और बच्चों के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन यह कार्रवाई इस बात को लेकर आश्वस्त होने के बाद की गई है कि यह पाउडर त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन क्या इस कंपनी का यह मशहूर उत्पाद हमेशा के लिए बंद हो जाएगा या फिर से शुरू हो जाएगा? क्योंकि इस कंपनी के टैल्क बेबी पाउडर को अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में बैन कर दिया गया है।

सौंदर्य प्रशासन का समय-समय पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा निरीक्षण किया जाता है। उसी निरीक्षण के तहत संबंधित औषधि निरीक्षक द्वारा नासिक, पुणे में उत्पादों के नमूने लिए गए। नमूनों को परीक्षण के लिए मुंबई में ड्रग कंट्रोल लेबोरेटरी भेजा गया था। वहां के सरकारी विश्लेषकों ने बताया कि नमूने राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं थे। एक पीएच स्तर (हाइड्रोजन की क्षमता – अम्लीय और क्षारीय) होना आवश्यक है जो नवजात या बच्चे की त्वचा के लिए उपयुक्त हो। इसके लिए एक मानक तय किया गया है।

क्या कार्रवाई हुई ?

ड्रग कंट्रोल लेबोरेटरी के विश्लेषकों की रिपोर्ट मिलने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था कि क्यों न कॉस्मेटिक्स एक्ट या मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस के प्रावधानों के तहत मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द किया जाए। उक्त लाइसेंस के तहत प्रदान किए गए सौंदर्य प्रसाधनों को निलंबित/रद्द नहीं किया जाना चाहिए। कंपनी को उक्त उत्पाद के स्टॉक को बाजार से वापस बुलाने का निर्देश दिया गया था।

जवाब में कंपनी ने जानकारी दी कि ड्रग कंट्रोल लेबोरेटरी के सरकारी विश्लेषकों की रिपोर्ट स्वीकार्य नहीं है। सेंट्रल फार्मास्युटिकल लेबोरेटरी द्वारा पुन: परीक्षा के लिए नासिक और पुणे की अदालतों में भी आवेदन किया। इसलिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन को अस्थायी रूप से अपनी कार्रवाई को रोकना पड़ा।

रिपोर्ट क्या है?

सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी, कोलकाता द्वारा नमूनों की दोबारा जांच की गई। इस रिपोर्ट में भी यह उल्लेख किया गया था कि नमूने राष्ट्रीय मानक के अनुसार मानकीकृत नहीं थे। उत्पाद कॉस्मेटिक अधिनियम के तहत लाइसेंस प्राप्त है। उस समय उत्पादन के मानक तय होते हैं। तदनुसार, कंपनी के उत्पादों का निरीक्षण खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा किया जाता है।

आगे क्या?

कंपनी को मुलुंड में अपने केंद्र में जैनसेन बेबी पाउडर का उत्पादन बंद करना होगा। लेकिन वापी और गुजरात में उत्पादन पर कोई रोक नहीं है। केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला की रिपोर्ट वहां के खाद्य एवं औषधि प्रशासन को भेजी जाएगी। उसके बाद वहां का प्रशासन कार्रवाई के संबंध में निर्णय लेगा। लेकिन वहां बने उत्पाद महाराष्ट्र में कंपनी को बेचे जा सकते हैं।

क्या कहता है फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन?

जॉनसन बेबी पाउडर मुख्य रूप से नवजात शिशुओं के लिए प्रयोग किया जाता है। निर्माण प्रक्रिया में दोषों के कारण उक्त उत्पाद का पीएच प्रमाणित मानक तक नहीं है। इसके इस्तेमाल से नवजात शिशुओं और बच्चों की त्वचा को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है। इसलिए, व्यापक जनहित में उपरोक्त उत्पादन को जारी रखना उचित नहीं होगा। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संयुक्त आयुक्त गौरी शंकर बेले ने कहा कि इसलिए, कंपनी के मुलुंड विनिर्माण संयंत्र का लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन निदेशक, केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला, कोलकाता की रिपोर्ट को साक्ष्य मानकर कार्रवाई कर सकता है।

यह भी पढ़ें : दुनिया भर में बंद हो जाएगी जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर की बिक्री !

क्या उत्पादन फिर से शुरू हो सकता है?

कंपनी महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ संबंधित मंत्री को अपील कर सकती है। उसके बाद भी संतुष्ट न होने पर उच्च न्यायालय, उच्चतम न्यायालय में अपील की जा सकती है। मुंबई में कंपनी इस अवधि के दौरान उत्पादन शुरू नहीं कर सकती है। अगर कंपनी को इस फैसले के खिलाफ अनुकूल आदेश मिलता है, तो इस उत्पाद को फिर से शुरू किया जा सकता है।

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