भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के एक ट्वीट ने राजनीतिक सनसनी मचा दी है। इस ट्वीट में बलूनी ने दावा किया है कि आज दोपहर दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय कार्यालय पर एक बजे एक बड़ी शख्सियत पार्टी में शामिल होगी। इसके बाद कयासों का बाजार गर्म हो गया है।
चर्चा है कि कांग्रेस के दो दिग्गज इनमें से एक हो सकते हैं। यह युवा नेता है और फिलहाल पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इनमें 2 नाम चर्चाओं में है। जिनमें पहला नाम उत्तर प्रदेश से जितिन प्रसाद का आ रहा है । जबकि दूसरा नाम राजस्थान से सचिन पायलट का बताया जा रहा है। हालांकि सच क्या है और कौन है वह शख्सियत जो भाजपा में जा रही है यह तो दोपहर बाद ही पता चलेगा।
लेकिन जिस तरह से कांग्रेस ने दो युवा नेताओं को राजनीतिक रूप से हासिए पर डाला है, उससे चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। इसमें कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र जतिन प्रसाद की तरफ लोग इशारा कर रहे हैं।
जतिन प्रसाद पिछले साल ‘बगावती खत’ को लेकर चर्चाओं में आए थे। तब सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में जितिन प्रसाद का नाम भी शुमार था। यह भी सर्वविदित है कि जतिन प्रसाद पर आरोप लगते रहे हैं कि वह गांधी परिवार के खिलाफ बयान देते रहे है। उनके पिता स्वर्गीय जितेंद्र प्रसाद ने एक बार कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ कर इसे साबित कर दिया था। हालांकि इसके बावजूद भी सोनिया गांधी ने उनके पुत्र जितिन प्रसाद को लोकसभा का टिकट दिया और उन्हें मंत्री बनाया ।
An Eminent personality will join BJP today (Wednesday) 09 June, 1 PM at BJP HQ, 6A DDU Marg, New Delhi
— Anil Baluni (@anil_baluni) June 9, 2021
फिलहाल जितिन प्रसाद कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं। लेकिन उनको पार्टी ने कोई अहमियत न देकर उनकी पार्टी के लिए प्रतिद्वंदिता को लगभग नकार दिया है।
कांग्रेस के दूसरे असंतुष्ट नेता राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट है । अनिल बलूनी ने जिस शख्सियत का पार्टी में आने का ऐलान किया है उनमें पायलट को लेकर भी चर्चा चल रही है।
कहा जा रहा है कि पायलट कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि पिछले साल भी ऐसे ही कयासबाजियो का दौर शुरू हुआ था । जब सचिन पायलट ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी ।
तब लगने लगा था कि अब सचिन पायलट ज्यादा दिन तक कांग्रेस में नहीं टिक पाएंगे। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट और गहलोत के बीच उभरे मतभेदों को समाप्त करने के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई थी । तब कहा गया था कि पायलट के साथ ही विधायकों और गहलोत से नाराज नेताओं से बात करके यह कमेटी निष्कर्ष पर पहुंचेगी।
लेकिन 10 माह बाद भी कमेटी इस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाई है। इसको लेकर भी पायलट गुट के विधायकों में असंतोष चल रहा है । पिछले दिनों पायलट गुट के एक विधायक हेमराज चौधरी ने अशोक गहलोत का विरोध करते हुए विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। इसी के साथ ही अब कहा जा रहा है कि सचिन पायलट के साथ फिर से गहलोत के विरोधी विधायक आने लगे हैं । फिलहाल, एक बार फिर राजस्थान में सत्ता पलट की चर्चा तेज हो गई है।