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संजीव बालियान के बिगड़े बोल, कहा AMU-JNU के छात्रों को दुरूस्त करवा दूंगा

संजीव बालियान के बिगड़े बोल, कहा AMU-JNU के छात्रों को दुरूस्त करवा दूंगा

साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में आरोपी रहे और वर्तमान में केंद्र सरकार में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देकर अपने आप को चर्चाओं के केंद्र में ला दिया है। दरअसल, बालियान जब भी मुंह खोलते है आग ही उगलते है। हालांकि उनकी पार्टी उनको भाजपा का फायर ब्रांड नेता कहते है। लेकिन वह यह नहीं जानते कि इसी नेता के एक बयान ने आज से सात साल पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर में आग लगाने का काम किया था।

पश्चिमी यूपी के बड़े जाट नेता कहे जाने वाले संजीव बालियान पर दंगों के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। जाटलैंड नाम से मशहूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर बालियान चर्चा में रहा था। एक बार फिर वह अपनी चिर परिचित शैली में विवादास्पद बयान दे गए। वह भी ऐसे समय पर जब मंच पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे।

संजीव बालियान ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और जामिया विश्वविद्यालय दिल्ली में जो विरोध कर रहे हैं वह सब राजनीति के तहत हो रहा है। जेएनयू और जामिया में मिलाकर जितने छात्र पढ़ते हैं उससे ज्यादा तो यहां मेरठ कॉलेज में सीएए के पक्ष में बैठ चुके हैं। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई बल्कि उन्होंने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ देखते हुए कहा कि आप ही कुछ कर सकते हैं। पश्चिम के छात्रों को 10 फीसदी रिजर्वेशन दिलवा दीजिए, जामिया-एएमयू का इलाज कर देंगे।

संजीव बालियान का यह भाषण उस समय हुआ है जब देश में जगह जगह सीएए को लेकर विरोध के साथ ही समर्थन के लिए लोग सड़को पर है। ऐसे में एक केंद्रीय मंत्री का यह कहना कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्र जामिया और एएमयू का इलाज कर देंगे दूसरी तरफ इशारा देता हुआ प्रतीत हो रहा है। केंद्रीय मंत्री के बयानों से लग रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्र किसी विधालय में पढ़ने नहीं बल्कि दबंगई करने जाते है। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगो में रोष व्याप्त हो रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने अपने विवादास्पद बयान को पुख्ता करने के लिए आगे यह भी कहा कि पाकिस्तान से जो शरणार्थी यहां आए हुए हैं उनमें हमारे यहां आठ परिवार हैं। नागरिकता संशोधन कानून के पास होने से पहले मुझे भी इस बारे में ज्यादा अंदाजा नहीं था। लेकिन इसके बाद जब परिवारों के मुखिया से बात हुई तो सच सामने आया। एक परिवार के मुखिया ने बताया कि किस तरह से पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की बेटियों-बहनों को जबरन उठाकर ले जाते हैं। ऐसा जुल्म सहने वालों को अगर नागरिकता दी जा रही है तो इसका भी विरोध हो रहा है।

याद रहे कि संजीव बालियान 2014 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रत्याशी कादिर राणा को हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे। संजीव बालियान को 6 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। वर्ष 2014 से 2017 तक मोदी सरकार में उन्होंने कई मंत्रालयों को संभाला था। वर्ष 2014 में उन्हें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन सरकार में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।

जुलाई 2016 में उन्हें राज्यमंत्री जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन सिंतबर 2017 में उनको केंद्रीय कैबिनेट से बाहर कर दिया गया। 2019 में एक बार फिर बालियान मुजफ्फरनगर से सांसद बन गए। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित सिंह को हारने के इनाम के तौर पर पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री बनाया गया।

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