योग गुरु रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण भ्रामक विज्ञापनों के मामले पर आज यानि 2 अप्रेल को सर्वोच्च न्यायालय में पेश हुए। ये मामला न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने रखा गया। बाबा राम देव की ओर से पेश हुए वकील बलबीर ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले कि की गई गलती के लिए वो माफ़ी मांगते हैं। इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि न केवल सर्वोच्च न्यायालय बल्कि किसी भी न्यायालय के आदेश का उलंघन नहीं होना चाहिए। न्यायालय ने पतंजलि की माफ़ी को स्वीकार नहीं किया। न्यायालय द्वारा कहा गया कि आपने क्या किया है, उसका आपको अंदाजा नहीं है। हम अवमानना की कार्यवाही करेंगे। इस मामले की 10 अप्रैल को दोबारा सुनवाई होगी। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में उपस्थित रहना होगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों और उनके चिकित्सकीय प्रभावों के विज्ञापनों से संबंधित अवमानना कार्यवाही के मामले में 19 मार्च को रामदेव और बालकृष्ण से व्यक्तिगत रूप से अपने समक्ष पेश होने को कहा था। पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिस का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी। न्यायालय ने कहा कि पहले जो हुआ, उसके लिए आप क्या कहेंगे? बाबा रामदेव की ओर से पेश वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा ,पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं। माफ़ी न स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि आपने गंभीर मसलों का मजाक बना रखा है। आपको पता लगना चाहिए कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का क्या नतीजा होता है।
सर्वोच्च न्यायलय में वकील ने बताया कि बाबा रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में मौजूद हैं। इसी दौरान न्यायलय द्वारा पूछा गया कि क्या हलफनामा दाखिल किया गया है? कोर्ट ने कहा कि हमने पहले कंपनी और एमडी को जवाब दाखिल करने को कहा था। जब जवाब नहीं दाखिल किया गया तब अवमानना नोटिस जारी किया।इसके अतिरिक्त कोर्ट ने कहा कि आपने पहले आश्वासन दिया था ,उसके बाद भी उल्लंघन किया गया। यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं,यह हमें स्वीकार नहीं है। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि आप यहां आश्वासन देते हैं और इसके बाद प्रेसवार्ता करते हैं,अब माफी मांग रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है, आपने ऐसा क्यों किया, आपको नवंबर में चेतावनी दी गई थी, बावजूद इसके आपने प्रेस कॉफ्रेंस किया।
सर्वोच्च न्यायालय ने बाबारामदेव के खिलाफ अपनी कड़ी नराजगी जताते हुए कहा कि वो बाबा रामदेव के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि अवमानना की कार्यवाई की जाएगी। इसपर रामदेव के वकील ने कहा कि हमने बिना शर्त माफी मांगी है, कोर्ट ने कहा कि आप वजह बताइये कि आखिर उल्लंघन कैसे हुआ , हमें आपकी माफी ऐसे स्वीकार नहीं है।
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