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हेट स्पीच के मामले में आजम खां को हुई तीन साल की सजा

समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां पर भड़काऊ भाषण देने के अपराध में तीन साल की सजा सुनाई गई। सजा के साथ-साथ उनके ऊपर 6 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

 

आजम खां पर चल रहे इस मामले पर रामपुर कोर्ट ने आज ही फैसला सुनया , जिसके तहत आजम को आईपीसी की धारा 153-ए ( लोक शांति में बढ़ा उत्त्पन करना ), 505-ए (झूठा बयान/अफवाह) और 125 के साथ – साथ लोक प्रतिनिधि अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया था। कोर्ट में दोषी ठहराए जाते ही आजम खां को कस्टडी में ले लिया गया है। आजम के लिए खतरे की बात यह है कि सजा के ऐलान के बाद से ही उनकी विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ गई है। हालांकि सजा सुनाने के बाद से ही उनके वकील उन्हें जमानत दिलवाने के प्रयास में जुट गए हैं।

 

क्या है मामला

 

गौरतलब है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खां ने मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया जिसके बाद उन पर आरोप लगाए गए थे कि इस जनसभा के दौरान इन्होने भड़काऊ भाषण दिए। कहा गया था की उनके द्वारा दिए गए भाषण कारण दो वर्गों के बीच नफरत फैलने की सम्भावना जताई जा रही थी। साथ ही यह आरोप भी लगाया गया कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और तत्कालीन जिलाधिकारी के लिए अपशब्द कहे। धमकी दी और दंगा भड़काने का प्रयास किया और वर्ग विशेष से धर्म के नाम पर वोट हासिल करने की कोशिश कि । इन आरोपों के साथ वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से आजम खां के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

 

क्या है हेट स्पीच

हेट स्पीच का हिंदी अर्थ है नफरती भाषण भारत के विधि आयोग की 267वीं रिपोर्ट में हेट स्पीच को मुख्य रूप से नस्ल, जातीयता, लिंग, यौन, धार्मिक विश्वास आदि के खिलाफ घृणा को उकसाने के रूप में देखा गया है। इस प्रकार हेट स्पीच लिखित या मौखिक किसी भी रूप में हो सकती है जो जनता को उकसाने का कार्य करती है।

 

यह भी पढ़ें : हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट सख्त , केंद्र से माँगा जवाब

 

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