उत्तर प्रदेश पुलिस इस बार पहले से ही चौकस थी ।अयोध्या विवाद फैसला आने से पहले ही पुलिस ने स्पष्ट कर दिया था कि जो भी सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट प्रकाशित करेगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी । हालाकि पुलिस की सख्ती इतनी अधिक थी कि ज्यादातर लोग सोशल मीडिया से दूरी बना कर रहे । यहां तक कि व्हाट्सएप ग्रुप तो उनके एडमिन ने बाहरी पोस्ट प्रकाशित करना बैन कर दिया था। इसके बावजूद भी उपद्रवी लोग नहीं माने । जिसके चलते उत्तर प्रदेश पुलिस में उनकी धरपकड़ शुरू की गई थी। यह अयोध्या विवाद पर फैसला आने से पहले ही हो चुका था । आज तक भी यह धरपकड़ जारी है । उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले और उसके बाद अब तक 100 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कुल 65 मुकदमें भी दर्ज किए गए हैं। पुलिस की ओर से यह सभी कार्रवाई अयोध्या राम मंदिर पर फैसले के खिलाफ और पक्ष में किए गए विवादित सोशल मीडिया पोस्ट पर की गई है। इसके अलावा 13 हजार से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट पर भी कार्रवाई की गई।
मंगलवार तक अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए किए आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में पूरे प्रदेश से 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की ओर से दिए गए बयान में कहा गया कि 65 मामले दर्ज कर लिए गए हैं और 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि 13 हजार सोशल मीडिया पोस्ट थी। करीब 4563 ऐसे पोस्ट पर कार्रवाई की गई है, जो आपत्तिजनक थे। ये सभी पोस्ट फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर किए गए थे उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने पहले ही बताया था कि मीडिया, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर पोस्ट पर नजर रखने के लिए राज्य में पहली बार एक इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर (ईओसी) की स्थापना की गई है।