आखिर वही हुआ जैसे कि संभावना थी। दि संडे पोस्ट ने दो टूक बता दिया था कि अशोक गहलोत सरकार विधानसभा में शक्ति परीक्षण में सफल हो जाएगी। काफी दिनों से चले सियासी घमासान के बाद सरकार ने आज 14 अगस्त को शुरू हुए विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में ध्वनिमत से विश्वामत हासिल कर लिया है। इसके साथ ही विधानसभा 21 अगस्त तक के लिए स्थगित हो गयी है।
विश्वास मत के दौरान हुई बहस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विपक्षी भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार गिराने पर आमादा है, लेकिन मैं उसे मैं उसे ऐसा नहीं करने दूंगा। उन्होंने तंज कसा कि गृह मंत्री अमित शाह को सपने में भी सरकारें दिख रही हैं। उन्होंने चेताया कि आज जो दिल्ली में घमंड दिख रहा है, जनता कब उसे उल्टा कर दे पता नहीं।
पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि आज मैं सदन में आखिरी कतार में बैठा हूं। बॉर्डर पर सबसे मजबूत सिपाही तैनात रहता है। मैं जब तक यहां बैठा हूं, सरकार सुरक्षित है।
दूसरी तरफ प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि गलती सरकार कर रही है, लेकिन दोष हम पर मढ़ रही है। सरकार को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या फोन टैपिंग अनुमति लेकर की गई? उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा तक दांव पर लगाई गई। कटारिया ने कहा कि कांग्रेस खेमेबाजी में खुद उलझी हुई है और दोष हमको दे रहे हैं।
विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान जमकर हंगामा हुआ। स्पीकर सीपी जोशी को विधायकों को फटकार तक लगानी पड़ी। कानून और संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विश्वास मत के प्रस्ताव को सदन के सामने रखा। भारतीय जनता पार्टी गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर नहीं आई।