कोरोना वायरस कहर के बीच सिंगापुर वेरिएंट को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक ट्वीट से अब बवाल बढ़ता दिख रहा है। सिंगापुर वेरिएंट वाले अरविंद केजरीवाल के बयान पर भड़के सिंगापुर ने न सिर्फ अरविंद केजरीवाल के बयान को खारिज किया है, बल्कि सिंगापुर सरकार ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब कर सख्त आपत्ति भी जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने जानकारी दी है कि अरविंद केजरीवाल के ट्वीट पर सिंगापुर ने कड़ी आपत्ति जताने के लिए हमारे उच्चायुक्त को तलब किया।
There is no truth in the assertion that there is a new COVID strain in Singapore. Phylogenetic testing has shown that the B.1.617.2 variant is the prevalent strain in many of the COVID cases, including in children, in recent weeks in Singapore.https://t.co/uz0mNPNxlE https://t.co/Vyj7gyyzvJ
— Singapore in India (@SGinIndia) May 18, 2021
अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा था
दिल्ली सीएम ने केंद्र सरकार से अपील में कहा था कि सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है। केंद्र सरकार से मेरी अपील है सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हों। बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो।
सिंगापुर विदेश मंत्रालय का जवाब
केजरीवाल के ट्वीट के जवाब में सिंगापुर के विदेश मंत्री ने केजरीवाल के ट्वीट को भी रीट्वीट करते हुए लिखा, ”राजनेताओं को तथ्यों के साथ बोलना चाहिए। कोई सिंगापुर वेरिएंट नहीं है।” इस ट्वीट के साथ विवियन बालकृष्णन ने मशहूर साइंस पत्रिका नेचर का एक लिंक भी दिया है। इस लेख में कोरोना वेरिएंट की वैज्ञानिक पड़ताल की गई है।
भारत सरकार की सफाई
भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग ने सिंगापुर सरकार से कहा कि अरविंद केजरीवाल कोविड वेरिएंट और सिविल एविएशन नीति पर बोलने का अधिकार नहीं रखते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, ”सिंगापुर और भारत कोविड-19 की लड़ाई में मज़बूत साझेदार हैं। हम सिंगापुर के लॉजिस्टिक हब और ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के रूप में उसकी भूमिका की तारीफ़ करते हैं। हमारी मदद के लिए सिंगापुर ने सैन्य एयरक्राफ़्ट भेजे और इससे पता चलता है कि हमारा संबंध कितना ख़ास है।”
अपने दूसरे ट्वीट में एस जयशंकर ने लिखा ‘ग़ैर-ज़िम्मेदार बयान देने वालों को पता होना चाहिए कि उनकी इस तरह की टिप्पणी से लंबे समय की साझेदारी वाली दोस्त को नुक़सान पहुँच सकता है। मैं यहाँ स्पष्ट करता हूँ कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का बयान भारत का बयान नहीं है।
Thanks @DrSJaishankar let’s focus on resolving the situation in our respective countries and helping one another. Nobody is safe until everyone is safe. https://t.co/2ofAZbGw9k
— Vivian Balakrishnan (@VivianBala) May 19, 2021
विदेश मंत्री के बयान के बाद सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन ने एस. जयशंकर के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा ”शुक्रिया डॉ जयशंकर. अब हम अपने-अपने देशों में कोरोना संकट को संभालें और एक दूसरे की मदद करें। जब तक हर कोई सुरक्षित नहीं होगा तब तक कोई भी सुरक्षित नहीं रहेगा।
भारत में विवाद
बीबीसी की खबर के अनुसार अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू की डिप्लोमैटिक अफेयर्स एडिटर सुहासिनी हैदर ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा है, ”दिल्ली के मुख्यमंत्री की टिप्पणी बिना सोचे-समझे थी लेकिन यह भी हैरान करने वाला है कि विदेश मंत्रालय खुलेआम एक चुने हुए भारतीय प्रतिनिधि को लताड़ लगा रहा है।
इसके बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एस. जयशंकर के लताड़ वाले बयान पर कहा कि केंद्र की सरकार को सिंगापुर की चिंता है जबकि अरविंद केजरीवाल को बच्चों की चिंता है। सिसदिया ने कहा, ”इससे पहले लंदन में कोरोना का नया स्ट्रेन आया था और भारत सरकार ने उस वक़्त कोई क़दम नहीं उठाया, जिसका खामियाजा पूरा देश भुगत रहा है। सिसोदिया ने कहा कि बच्चों पर बढ़ते ख़तरों को लेकर सिंगापुर में भी बात कही गई थी और ये बात वहां के शिक्षा मंत्री ने कही थी। सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी सिंगापुर की चिंता कर रही है और हम बच्चों को बचाने की बात कर रहे हैं।