[gtranslate]
Country

अमित शाह की अफवाह पर गिरफ्तारी तो सफूरा जरगर की बदनामी पर चुप्पी क्यों?

अमित शाह की अफवाह पर गिरफ्तारी तो सफूरा जरगर की बदनामी पर चुप्पी क्यों?

कोरोना महामारी के बीच अफवाहों का दौर जारी है। सोशल मीडिया पर देश के गृह मंत्री अमित शाह की बीमारी की फर्जी खबर चला दी गयी। इसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दो दिन बाद ही चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली सरकार ऐसे ही एक मामले पर जब आँख बंद कर लेती है तब देश की एक बेटी को सोशल मिडिया पर चरित्रहीन बताकर सरे आम बदनाम किया जा रहा है। बदनामी का यह सिलसिला एक मई को शुरू हुआ था जो अभी तक भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बावजूद इसके कि दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले पर दिल्ली पुलिस को नोटिस तक दे दिया है।

लेकिन चौकाने वाली बात यह है की आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाय दिल्ली पुलिस आँख पर पट्टी बांधकर बैठी है। शायद इस वजह से कि जिस लड़की पर शर्मनाक टिप्पणियां की जा रही है वह एक अल्पसंख्यक समुदाय से वास्ता रखती है और उसका नाम शाहीनबाग मुद्दे से जुड़ा हुआ है। सोशल मीडिया पर बदनाम की जाने वाली लड़की जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की छात्रा सफूरा जरगर है। सफूरा जरगर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के आरोप में पिछले एक महीने से तिहाड़ जेल में बंद है और वह तीन महीने की गर्भवती है।

 

जामिया समन्वय समिति की मीडिया संयोजक सफूरा को फरवरी में उत्तर पूर्व दिल्ली के जाफराबाद इलाके में प्रदर्शन को लेकर पिछले महीने गिरफ्तार किया गया है। बाद में सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में उसके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया। सफूरा को सोशल मीडिया पर उनके बच्चे के पिता को लेकर ट्रोल किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि वह अविवाहित है और एक बच्चे की माँ बनने वाली है। यहां तक कि सफूरा जरगर के बारे में सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है कि वह दिल्ली के शाहीनबाग धरने के दौरान गर्भवती हुई थी।

दिल्ली महिला आयोग ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल को गर्भवती सफूरा जरगर को शर्मनाक तरीके से अपमानति करने को लेकर नोटिस जारी किया है। आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा कि अदालत में इस बात का निर्णय होगा कि सफूरा दोषी है या नहीं। किसी को भी उसके चरित्र हनन करने का अधिकार नहीं है।

हालांकि, यह मामला सोशल मीडिया पर तब शुरू हुआ जब कांग्रेस नेता सलमान निजामी ने 1 मई को ट्वीट के जरिए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर निशाना साधा। इसके साथ ही निजामी ने सफूरा जरगर को सोशल एक्टिविस्ट बताते हुए एक ट्वीट किया, “वो प्रेगनेंसी के दौरान और रमजान के महीने में जेल में हैं जबकि कपिल मिश्रा जैसे ‘घृणा फैलाने वाले लोग’ खुले घूम रहे हैं।

उन्होंने लिखा था कि मोदी के भारत में मुस्लिम होना ही अपराध हो गया है, सरकार को कुछ तो शर्म करना चाहिए।” सलमान निजामी सहित अन्य इस्लामी कट्टरपंथियों ने भी सफूरा जरगर को जेल से रिहा करने की माँग की थी। इस पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा ‘मेरे भाषण को सफूरा जरगर की प्रेंग्नेंसी से ना जोडें, यह उस तरह से काम नहीं करता है।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में फरवरी में हुए प्रदर्शनों के सिलसिले में पुलिस ने जामिया समन्वय समिति की मीडिया समन्वयक और सोशल एक्टिविस्ट सफूरा जरगर को 10 अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल में डाल रखा है। जरगर पर आरोप है कि उसने सीएए के प्रदर्शनों के दौरान जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नजदीक बैरिकेड लगाए थे। साथ ही जाफराबाद में प्रदर्शनकारियों को उकसाने का काम किया था। जिसके कारण दंगे तेजी से भड़के और कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। इस दौरान सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था।

याद रहे कि नागरिकता कानून के समर्थक और विरोध के मद्देनजर बीती 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इस हिंसा में करीब 53 लोगों की मौत हो गई थी और 250 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही दिल्ली हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल और आईबी अफसर अंकित शर्मा ने भी अपनी जान गंवाई थी।

सफूरा जरगर के मामले में एक जेली नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा था कि उन्होंने बिना कंडोम का प्रयोग किए सेक्स किया ही क्यों? इसके बाद से जेली के इनबॉक्स में भी गालियों की बौछार हो गई है। इसी के साथ एक व्यक्ति ने लिखा कि शाहीन बाग की ये शेरनी बिना निकाह के गर्भवती हो गयी। कुछ लोग मामा बन कुछ लोग नाना बन गए। कुछ लोग मौसी बन गए लेकिन बाप का मालूम नहीं है अभी कौन है वो। जिसने इस शेरनी को डोज़ दिया। कन्हैया कुमार तो बन गया मामा, पर बाप का पता नहीं है।

एक व्यक्ति लिखा है कि अब संविधान खतरे में नही है क्या। साला कोई सवाल पूछने नहीं आ रहा है की बाप कौन है। कहा गए वो जेएनयू बालक जो सड़कों पर इसके साथ नाचते थे। अभी कोई नही है साथ में। पाप किया तो फल भी मिलेगा। सबको मिलेगा। किसी को थोड़ा तो किसी को ज्यादा मिलेगा। 500 सौ के चक्कर में। अम्मी बन गयी एक ही टक्कर में।

 

हालांकि, इसके बाद सफूरा जरगर के समर्थक भी मैदान में उतर आये है जो उनके बारे में फ़ैल रही अफवाहों का सच सामने ला रहे है। दरअसल, सफूरा अविवाहित नहीं बल्कि शादीशुदा हैं। 2018 में उसकी शादी हो चुकी है। यहां तक कि जब 10 अप्रैल को उसकी गिरफ़्तारी हुई तो उसने पुलिस को यह स्पष्ट बता दिया था कि वह दो माह की गर्भवती है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD