आज 15 जनवरी को पूरा देश 72वां सेना दिवस मना रहा है। इस विशेष औवसर पर नई दिल्ली सहित देश के विभिन्न जगहों पर सैन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसी दिन यानी 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली थी। करियप्पा भारतीय सेना के पहले ‘कमांडर इन चीफ’ बने थे।
इसके पहले इस पद पर बिट्रिश सेना के अधिकारी तैनात थे। जब केएम करियप्पा ने थलसेना का प्रभार लिया पूरे देश के लिए ये गर्व का मौका था, जब किसी पहले भारतीय ने थलसेना की कमान अपने हाथ में ली थी। जब वो भारत के पहले ‘कमांडर इन चीफ’ बने तब उनकी उम्र केवल 49 साल की थी। वो पूरे चार साल तक आर्मी चीफ रहे। 16 जनवरी 1953 को वो रिटायर हुए थे।
इस बार 72वें सेना दिवस पर होने वाली परेड कुछ खास होगी। सेना दिवस पर पहली बार एक महिला अधिकारी कैप्टन तानिया शेरगिल ने पुरुषों की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व किया। तानिया शेरगिल सेना के सिग्नल कोर में कैप्टन हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशंस में बीटेक करने वाली तानिया शेरगिल मार्च 2017 में चेन्नई के ‘ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी’ से सेना में शामिल हुई थीं। इस वर्ष तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा भारत के पहले ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ बिपिन रावत भी परेड में शामिल होंगे।
प्राकृतिक आपदा के साथ ही भारतीय सीमाओं पर मुश्किल समय में लड़ने के लिए भारतीय सैनिक हमेशा तैयार रहते हैं। साथ ही देश और लोगों की रक्षा के लिए अपने रास्ते में आने वाली सभी कठिनाईयों और चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना करते हैं। आप चैन की नींद सो रहे होते हैं लेकिन आपका पहरेदार जाग रहा होता है। आप आराम से सो सकें, आराम से काम कर सके, इसके लिए वह अपनी नींद को और अपने ऐश-ओ-आराम को कुर्बान कर रहा होता है। वह हैं हमारे सेना के जवान। सेना के जवान मुश्किल हालात, खराब मौसम और यहां तक कि शून्य से काफी नीचे तापमान वाले इलाके में भी हमारी सुरक्षा के लिए खड़े रहते हैं। इसलिए आज के दिन उन्हें सलाम करते हैं।