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अप्रैल खत्म होने को है पर कोरोना पैकेज का 40% अतिरिक्त राशन बांटा जाना अब भी बाकी

लागू हुआ ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना, अब किसी भी राज्य में उठा सकते हैं राशन

कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया है। ये लॉकडाउन का दूसरा चरण है। अर्थशास्त्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने लॉकडाउन के कारण होने वाले भूखमरी पर चिंता जाहिर की है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वक्त में अगर लोगों को राशन नहीं मिलता या दूसरे तरह के आर्थिक मदद समय पर नहीं पहुंचाई गई तो देश की एक बहुत बड़ी आबादी को भुखमरी और गरीबी का शिकार होना पड़ सकता है।

अधिकतर अर्थशास्त्रियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहा है कि संकट की इस घड़ी में लोगों को कुछ महीनों के लिए राशन बिल्कुल मुफ्त दिया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि उन सभी पात्र लोगों को भी राशन मुफ्त दिया जाना चाहिए जिसके पास राशन कार्ड या दूसरे कागजात नहीं हैं। क्योंकि बीते दिनों कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिसमें कोई दस्तावेज न होने के चलते लोग भूखमरी का शिकार हुए हैं।

हालांकि, केंद्र की दलील है कि उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की घोषणा की है, जिसके तहत तीन महीने (अप्रैल से जून तक) के लिए प्रति व्यक्ति को पांच किलो अतिरिक्त अनाज मुफ्त में दिया जाएगा। लेकिन इस योजना की सच्चाई ये है कि ये पूरी तरह से जमीन पर उतरती दिखाई नहीं दे रही है। केंद्र के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 23 अप्रैल तक में 24 राज्यों में कुल आवंटन के मुकाबले करीब 60 फीसदी राशन का वितरण अभी तक हुआ है।

PMGKAY के तहत केंद्र सरकार ने अप्रैल महीने के लिए 36 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को 40.48 लाख मिट्रिक टन राशन का आवंटन किया था। इस आवंटन में से 23 अप्रैल तक 24 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में केवल 18.81 लाख मिट्रिक टन राशन का ही वितरण अब तक हुआ है। जबकि इन राज्यों को कुल मिलाकर 30.53 लाख टन अनाज का आवंटन किया गया था। देखा जाए तो कुल आवंटन के मुकाबले करीब 60 फीसदी अनाज का ही अभी तक इस राज्यों में वितरण किया गया है। अप्रैल का महीना खत्म होने की कगार पर है लेकिन अभी भी 40 फीसदी अनाज का वितरण होना बाकी है

इन 24 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरण, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। बाकी के 12 प्रदेशों के आंकड़े खाद्य विभाग के डैशबोर्ड ‘अन्न वितरण’ पर उपलब्ध नहीं हैं। ये स्पष्ट नहीं है कि इन राज्यों ने अतिरिक्त राशन का वितरण शुरु किया है या नहीं। या फिर उनके आंकड़े अपलोड नहीं किए गए हैं। अगर इन सभी राज्यों के भी आंकड़े आते हैं तो अतिरिक्त राशन वितरण की तस्वीर और साफ हो सकेगी।

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