पुलिस ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के सिलसिले में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा और जामिया कोर्डिनेशन कमेटी की मीडिया कॉर्डिनेटर सफूरा जरगर को गिरफ्तार की थी। पुलिस का आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनों के दौरान जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नजदीक बैरिकेड लगाए थे। और उकसाने वाले भाषण दिए थे। सफूरा जरगर के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत मामला दर्ज किया है। सफूरा जरगर की गिरफ्तारी हुए लगभग 3 हफ्ते होने को है। सफूरा जरगर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एम.फिल कर रह रही हैं।
उनकी गिरफ्तारी के बाद से उनकी रिहाई की मांग हो रही थी। काफी लोग ट्विटर पर सफूरा की रिहाई के लिए ट्रेंड चला रहे हैं। AIMIM नेता अख्तरुल ईमान ने भी सफूरा की रिहाई की अपील है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “यह तस्वीर जो आप देख रहे हैं, एक रिसर्च स्कॉलर है, वह एक जामिया की छात्रा हैं, वह गर्भवती है। वह दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं। दिल्ली में मुसलमानों का शिकार जारी है। इसके विपरीत, सभी हत्यारे, और नफ़रत फैलाने वाले बाहर घूम रहे हैं।”
In picture one,is a Research scholar, she is a jamia student, she is pregnant. She is in inhumane custody of Delhi Police.Muslim witch-hunt continues in Delhi.
On its contrary all the killers, murderers, hate speakers are on free run. #Islamophobia_In_India#DelhiPoliceJawabDo pic.twitter.com/axQN9200F8— Akhtarul Iman (@Akhtaruliman5) April 30, 2020
उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा कि जेल और बेल में नाम का बहुत बड़ा हाथ है उन्होंने नाम की लिस्ट को दो पैटर्न में बांटा है।
Between jail and Bail only name matters. #OnBail
– Komal Sharma
– Akshat Awasti
– Pravesh Verma
– Abhay Verma
– Kapil Mishra
– Anurag Thakur#InJail
– Dr Kafeel Khan
– Khalid Saifi
– Ishrat Jahan
– Sharjeel Imam
– Meeran & Safoora
#DelhiPoliceJawabDo— Akhtarul Iman (@Akhtaruliman5) April 30, 2020
बता दें सफूरा जामिया से एमफिल कर रही है और जामिया में सीएए और एनआरसी के विरोध में चले आंदोलन में सक्रिय थी। इससे पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश के आरोप में दो अप्रैल को जामिया के एक अन्य शोधार्थी छात्र मीरान हैदर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। मीरान राष्ट्रीय जनता दल की छात्र इकाई का सदस्य भी है।
बता दें कि पुलिस का आरोप है कि 22 फरवरी की रात नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में महिलाएं जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठ गई थीं। उसी दौरान सफूरा भीड़ को लेकर वहां पहुंची और हिंसा की साजिश रची। इसके बाद जिले में कई दिनों तक हिंसा होती रही जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई। जाफराबाद पुलिस का कहना है कि पूरी जांच के बाद सफूरा को गिरफ्तार किया है।