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कोई भी बालिग व्यक्ति अपनी मर्जी से अपना जीवनसाथी चुन सकता है, धर्म परिवर्तन कर सकता है: कोलकाता हाईकोर्ट

भारत में इन दिनों लव-जिहाद कानून को लेकर काफी उथल-पुथल हो रही है। कई राज्यों ने लव-जिहाद को लेकर विधानसभा में कानून तक बनाने का प्रस्ताव रख दिया है। जिनमें उत्तर-प्रदेश, मध्यप्रदेश और हरियाणा शामिल हैं। हालांकि भारतीय संविधान के अनुसार अगर आप किसी को पंसद करते है और उससे शादी करना चाहते हैं, जिसमें लड़का और लड़की बालिग हो तो आप शादी कर सकते है। लेकिन अब कई राज्यों ने इसके विरोध में कानून लाने का प्रस्ताव रख दिया है। अगर आप मुस्लिम धर्म से है और आप किसी हिंदू लड़की से प्यार करते है तो आपको शादी के लिए पहले जिला कलेक्टर को एक महीने पहले पत्र दाखिल करना होगा। लेकिन कोलकाता हाईकोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि कोई भी बालिग व्यक्ति अपनी मर्जी से अपना जीवनसाथी चुन सकता है। धर्म परिवर्तन कर सकता है और इच्छा न हो तो अपने माता-पिता के पास आने से मना कर सकता है।

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कोलकाता हाईकोर्ट दुर्गापुर के रहने वाले एक व्यक्ति के मामले सुनवाई कर रही थी। व्यक्ति ने कोर्ट से कहा कि उसकी 19 साल की बेटी घर पर झूठ बोलकर चली गई और उसने धर्म बदलकर शादी कर ली। व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उसका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया गया होगा। और इस मामले में उससे उकसाकर या जबरदस्ती झूठी गवाही दिलवाई गई हो सकती है। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस संजीव बनर्जी और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि “इस तरह अगर कोई बालिग़ व्यक्ति अपनी इच्छानुसार शादी करता है और अपने पिता के पास वापस लौटने से मना कर देता है तो कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।” हालांकि लड़की ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है और वह वापस अपने पिता के पास नहीं जाना चाहती।

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