सर्वाइकल कैंसर से महिलाओं की मौत होने के मामले में भारत चौथे नंबर पर आता है। दुनियाभर में लगभग हर 47 मिनट में एक महिला सर्वाइकल कैंसर का शिकार होती है और भारत में हर आठ मिनट में एक महिला की इससे मौत होती है। लेकिन ऐसा नहीं है की इस बीमारी को रोका नहीं जा सकता। राष्ट्रीय -अंतराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं में इस बीमारी की रोकथाम को लेकर जागरूक किया जा रहा है। खबरों के अनुसार सरकार 6 राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, मिजोरम, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर रोधी टीका लगाने का अभियान शुरू कर सकती है। जिसे जून में शुरु किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2.55 करोड़ लड़कियों को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा सर्विकल कैंसर के खिलाफ भारत में ही विकसित ‘सर्वावैक’ टीका पिछले महीने ही लांच किया गया है । सीरम और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि सीरम का टीका बाजार में 2,000 रुपये प्रति डोज के अधिकतम खुदरा मूल्य पर उपलब्ध होगा। ‘सर्वावैक’ दो डोज वाली वैक्सीन है। भारत में हर साल लगभग 80,000 महिलाओं को सर्विकल कैंसर होता है और 35,000 महिलाओं की इससे मौत हो जाती है।
डब्लूएचओ का मकसद सर्वाइकल कैंसर को खत्म करना
हाल ही में विश्व स्वस्थ्य संगठन द्वारा भी महिलाओं में बढ़ते सर्वाइकल कैंसर को लेकर चिंता जाहिर की गई थी। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार कैंसर भेदभाव नहीं करता, लेकिन आय, शिक्षा, लिंग और जातीयता के कारण उपजी असमानता जैसी वजहों से, सेवाओं में महत्वपूर्ण बाधाएँ पैदा होती हैं और असमान रूप से बीमारी का बोझ बढ़ाती हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में, सर्वाइकल कैंसर को लेकर जहाँ शुरुआती जाँच और उपचार तक पहुँच दुर्लभ है ,वहीं कैंसर की दर उच्च आय वाले देशों की तुलना में लगभग दोगुनी है। सर्वाइकल कैंसर से होने वाली दस में से नौ मौतें, निम्न व मध्यम आय वाले देशों की महिलाओं की होती है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का मक़सद बन गया है कि कैंसर के मामलों की पहचान करके, वर्ष 2030 तक शुरुआती कैंसर की पीड़ित 90% महिलाओं का उपचार किया जाएगा।
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो कि महिलाओं के गर्भाशय के निचले सिरे शुरु होता है और ऊपरी योनि से सम्पर्क करता है। इसे गर्भाशय ग्रीवा कहा जाता है। मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के खिलाफ स्क्रीनिंग और टीकों तक पहुंच की कमी के वजह अधिकतर विकासशील देशों में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से जूझना पड़ रहा है और यह महिलाओं की मौत का एक आम कारण बना हुआ है। महिलाओं में होने वाले इस कैंसर के कोई गंभीर संकेत नहीं मिलते। हालांकि कुछ संकेतो और लक्षणों में योनि से असामान्य रक्तस्राव ,समान्य से अधिक मासिक धर्म ,योनि गतिविधियों के बाद योनि से रक्तस्राव, संभोग के दौरान दर्द अन्य असामान्य योनि स्राव आदि शामिल हैं।