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हाथरस मामले में एक और मोड़,कॉल रिकॉर्ड के मुताबिक पीड़िता के भाई और आरोपी में होती रही बात  

देश को झकझोर कर रख देने वाले  उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले में अब तक कई मोड़ आ चुके हैं,लेकिन असली तस्वीर अभी तक सामने नहीं आई है। कुछ हद तक सच्चाई सामने आ सकती है जब एसआईटी (SIT ) अपनी रिपोर्ट राज्य  सरकार को सौंपेगी ।

पिछले एक हफ्ते से प्रदेश के तीन अधिकारियों वाली स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम हाथरस मामले की सच्चाई सामने लाने में जुटी है। एसआईटी ने दिवंगत पीड़िता के परिजनों का बयान दर्ज किया है।  चश्मदीदों से भी बात की है। क्राइम सीन को रीक्रिएट भी किया। एसआईटी की जाँच के दौरान कुछ तथ्य मिले हैं।  इस मामले के लिहाज से बेहद अहम जानकारियां मोबाइल फोन रिकॉर्ड से निकली हैं।

इस मामले में अब कॉल रिकॉर्ड से नया  मोड़ आ गया है।  एसआईटी की जांच में पता चला है कि आरोपी संदीप के फोन से पीड़िता के भाई के फोन पर लगातार बातचीत हुई। कॉल रिकॉर्ड में पिछले साल अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक दोनों के बीच लगातार बातचीत हुई है। जिसमें  से 62 कॉल आरोपी संदीप के फोन पर आई जबकि 42 कॉल पीड़िता के भाई के फोन पर आने का दावा है कि पीड़िता और संदीप के बीच बातचीत का दावा किया जा रहा है।आरोपियों के वकील एपी सिंह के मुताबिक पीड़िता की हत्या खुद उसके भाई ने की है और इस मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है। अधिवक्ता एपी सिंह का दावा है कि आरोपियों को साजिशन फंसाया जा रहा है। इसलिए वो ये केस लड़ रहे हैं।  एपी सिंह को क्षत्रिय महासभा ने इस मामले में आरोपियों का पक्ष रखने के लिए नियुक्त किया है।

इस खुलासे पर पीड़िता के परिवार ने सफाई दी है।  पीड़िता के भाई ने कहा कि सारे आरोप झूठे हैं। खबरों के मुताबिक  पीड़िता के भाई ने कहा कि जिस मोबाइल नंबर की बात की जा रही है, वो हमारा ही है।  हम उसका इस्तेमाल कई सालों से कर रहे हैं और यह नंबर घर पर रहता है।  उन्होंने दावा किया कि फोन रिकॉर्ड के आधार पर लगाए जा रहे सारे आरोप झूठे हैं।  हम इस मामले में एसआईटी के सामने जवाब देंगे।

पीड़िता के भाई ने कहा कि मैं आरोपी से बात क्यों करूंगा? वह हमारी जाति से भी नहीं है। और न ही  हमारे रिश्तेदार  हैं फिर  हम क्यों बात करेंगे? हमने कोई बात नहीं की। वहीं, पिता ने कहा कि हमारे परिवार में से किसी ने भी आरोपी से बात नहीं की है।  नंबर हमारा ही है।  रिकॉर्डिंग दिखाओ तो हमें पता चल जाएगा।  एक और भाई ने कहा कि हमारे परिवार में केवल एक फोन है।

इस बीच अब एसआईटी जांच  को 10 दिन और बढ़ाए जाने पर परिवार का कहना है कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं और न ही इससे कोई लेना-देना है।  हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले। गौरतलब है कि पूरे मामले की जांच गृह सचिव भगवान स्वरूप की अगुवाई में तीन सदस्यीय एसआईटी कर रही है।

6 महीने में 104 बार हुई बात
दरअसल, एसआईटी की जांच में पता चला है कि आरोपी संदीप के फोन से पीड़िता के भाई के फोन पर लगातार बातचीत हुई थी. अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक दोनों फोन के बीच 104 कॉल हुई, जिसमें से 62 कॉल आरोपी संदीप के फोन पर आई, जबकि 42 कॉल पीड़िता के भाई के फोन पर आई।

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