देश में बढ़ती महगाई से परेशान आम नागरिकों एक और झटका लगने जा रहा है। दरअसल,जीएसटी काउंसिल की 47 वीं बैठक में आम आदमी की जरूरत से जुड़ी कई वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही कर मुक्त होटलों को जीएसटी के दायरे में लाया गया,जबकि छोटे ऑनलाइन कारोबारियों को राहत दी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में संपन्न हुई जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक में यह फैसला लिया गया है। इनमें एक ओर जहां कुछ चीजों पर टैक्स लगाकर आम आदमी की जेब का बोझ बढ़ाया गया है तो कुछ सैक्टरों को बड़ी राहत भी दी गई है, हालांकि, राज्यों को क्षतिपूर्ति और ऑनलाइन गेमिंग जैसे मुद्दों पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान जिन वस्तुओं पर दरें बढ़ाई गई हैं। उनमें प्री-पैकेज्ड और लेबल वाले आटा और चावल शामिल हैं। भले ही वो गैर-ब्रांडेड क्यो न हों, उनपर भी 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। इसके अलावा मछली,मीट, दही, पनीर और शहद जैसे प्री-पैक्ड और लेबल्ड खाद्य पदार्थों पर भी इसी दर से टैक्स लगेगा यानी ये सभी खाद्य पदार्थ देश में अब महंगे होने जा रहे हैं। इसके अलावा गुड़, विदेशी सब्जियां, अनरोस्टेड कॉफी बीन, अनप्रोसेस्ड ग्रीन टी, व्हीट ब्रान और राइस ब्रान को भी छूट से बाहर रखा गया है।
जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान सोलर वॉटर हीटर, फिनिश्ड लेदर पर भी टैक्स 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। एलईडी लैंप, स्याही, चाकू, ब्लेड, बिजली से चलने वाले पंप, डेयरी मशीनरी को 12 फीसदी के दायरे से हटाकर अब 18 के दायरे में लाया गया है। इसके अलावा अनाज की मिलिंग मशीनरी पर टैक्स 5 सदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का फैसला किया गया है।
होटल में भी रहना महंगा होगा
अब होटल में रहना महंगा हो जाएगा। दरअसल, 1,000 रुपये प्रति दिन से कम के होटल के कमरों पर 12 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा, फिलहाल ऐसे कमरे कर मुक्त श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा बैठक में चेक जारी करने के लिए बैंक द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क पर भी 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
छोटे ऑनलाइन कारोबारियों को तोहफा
जीएसटी काउंसिल की बैठक में असंगठित क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छोटे ऑनलाइन कारोबारियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण को माफ करने पर सहमति व्यक्त की है। कानून में बदलाव 1 जनवरी, 2023 से लागू किए जाएंगे। काउंसिल के मुताबिक, इस फैसले से लगभग 120,000 छोटे व्यापारियों को फायदा होगा। बैठक में कंपोजीशन डीलरों को ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के माध्यम से इंट्रास्टेट आपूर्ति करने की भी अनुमति दी गई।
ट्रांसपोर्टेशन होगा सस्ता
रिपोर्ट के मुताबिक,ट्रांसपोर्ट सेक्टर में रोपवे पर जीएसटी दर में कटौती को मंजूरी मिल गई है। ट्रांसपोर्ट से माल ढुलाई सस्ता होने की संभावना है। इसके अलावा ईंधन लागत सहित माल ढुलाई को किराए पर देने और टूर पैकेज के विदेशी कंपोनेंट्स को जीएसटी से छूट देने पर भी केंद्र सरकार की ओर से राहत देने का फैसला लिया गया है। काउंसिल ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि माल ढुलाई के किराए पर जीएसटी दर को 18 फीसदी से कम किया जाए।
इन मुद्दों पर नहीं हुआ फैसला
जीएसटी काउंसिल की बैठक के आखिरी दिन राज्यों को जीएसटी मुआवजा बढ़ाने के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव भी अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 1 अगस्त को होनी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया जीएसटी परिषद ने मंत्रियों के समूह से 15 जुलाई तक घुड़दौड़, ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो पर कर की दर पर फिर से विचार करने को कहा है। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर भी कोई चर्चा नहीं की गई है।