पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगभग खत्म होने के कगार पर है। कोरोना के मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। इस बीच पिछले कुछ दिनों में सर्दी-खांसी के मरीज काफी बढ़ गए हैं। यह तस्वीर है कि एक बार खांसी हो जाए तो तीन से तीन हफ्ते तक ठीक नहीं होती। सर्दी, खांसी और बुखार के मरीज भी बढ़े हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा है कि यह एक वायरस के कारण होता है।
क्या कहा है आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने?
ICMR के मुताबिक, पिछले दो से तीन महीनों में इंफ्लूएंजा के मामले बढ़े हैं। इन्फ्लुएंजा वायरस का एक सब टाइप यानी H3N2 वायरस के कारण लोगों को सर्दी, खांसी और बुखार का सामना करना पड़ता है। ICMR ने यह भी कहा है कि H3N2 वायरस ने अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में वृद्धि की है। साथ ही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन या आईएमए ने कहा है कि वर्तमान में वातावरण में बदलाव के कारण बुखार भी आ रहा है। यह बुखार पांच से सात दिन तक रहता है। आईएमए एंटी बायोटेक लेने और सर्दी-खांसी और बुखार से खुद को बचाने की सलाह देता है। आईएमए के मुताबिक कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं जिनका बुखार तीन दिन में उतर जाता है। लेकिन सर्दी-खांसी तीन हफ्ते में भी नहीं जाती। प्रदूषण ने 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 50 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में सर्दी, खांसी और बुखार की घटनाओं में भी वृद्धि की है।
इन्फ्लूएंजा क्या है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इन्फ्लुएंजा वायरस चार प्रकार के होते हैं, ए, बी, सी और डी। उनमें से A-B प्रकार के विषाणु पर्यावरण में परिवर्तन के कारण फैलते हैं और रोग उत्पन्न करते हैं। इन्फ्लुएंजा ए को समय की महामारी के लिए भी जाना जाता है। इस प्रकार A के दो सब टाइप हैं एक है H3N2 और दूसरा है H1N1। इन्फ्लूएंजा बी के कोई सब टाइप नहीं हैं। टाइप सी बहुत गंभीर नहीं है। टाइप डी जानवरों में पाया जाता है। ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में कोरोना के मामलों में कमी आई है। हालांकि, मामले बढ़ रहे हैं। 15 सितंबर के बाद से H3N2 के मामले बढ़े हैं।
H3N2 के लक्षण क्या हैं?
WHO के अनुसार, H3N2 संक्रमित मरीजों के लक्षणों में खांसी, सूखी खांसी, बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, थकान, गले में खराश और नाक बहना शामिल है। डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा कि कई रोगियों को शुरू में बुखार आता है, इसके बाद ठंड लगना, खांसी और शरीर में दर्द और अन्य लक्षण दिखाई देते हैं। साथ ही कई मरीजों में बुखार पांच से सात दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन सर्दी-खांसी ठीक होने में दो से तीन हफ्ते लग जाते हैं।
इन्फ्लुएंजा का खतरा किसे अधिक है?
इन्फ्लुएंजा किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं, पांच साल से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। चूंकि यह संक्रामक बीमारी है, इसलिए यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। इसलिए WHO ने भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाने की सलाह दी है।
बचाव
भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाते समय मास्क जरूर लगाएं
अपनी आंखों और नाक को बार-बार छूने से बचें
खांसते या छींकते समय मुंह पर रुमाल रखें
शरीर में दर्द या बुखार होने पर पेरासिटामोल लें
जितना हो सके एक दूसरे को छूने से बचें
सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें
डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स न लें
अगल-बगल बैठकर भोजन न करें