भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी दल विश्व हिन्दू परिषद सहित अन्य हिन्दू संगठनों के साथ मिलकर एक खास योजना पर मंथन कर रही है। कहा जा रहा है कि उसकी यह योजना नागरिकता संशोधन कानून जैसे मुद्दों पर से आम जनता का ध्यान हटाने पर विवश कर देगी। यह भी कहा जा रहा है कि यदि उसका यह फार्मूला कामयाब हुआ तो निश्चित तौर पर अगला विधानसभा चुनाव भी इसी मुद्दे पर लड़ा जाएगा। अब यह भी जान लीजिए कि आखिरकार भाजपा की यह तुरूप चाल क्या है? ये चाल पूरे उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से राम लहर दौड़ाने की।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी ही नहीं पूरे देश का हिन्दू समाज खासा प्रसन्न है और इसी प्रसन्नता को बरकरार रखने के लिए भाजपा ने एक ऐसी रणनीति तैयार की है जिससे हिन्दुओं का ध्यान असल मुद्दो भटकाया जा सके। वैसे तो राम मन्दिर निर्माण के लिए बाकायदा ट्रस्ट बनाया गया है और उसी की देख-रेख में मन्दिर निर्माण का कार्य पूरा किया जाएगा लेकिन भाजपा और उसके सहयोगी हिन्दू संगठन राम मन्दिर निर्माण के लिए आम जनता से भी श्रमदान और आर्थिक दान जैसा सहयोग मांग रहे हैं।
यदि जनता भाजपा के छलावे में आ गई तो श्रमदान में जुट गई तो निश्चित तौर पर यूपी का अगला विधानसभा चुनाव परिणाम भी भाजपा की झोली में नजर आएगा। भाजपा ने अपनी इस योजना को पूरा करने के लिए जिला कमेटियों सहित बूथ स्तर पर काम करना शुरू भी कर दिया है। बताते चलें कि राम मन्दिर निर्माण के लिए भारत सरकार पहले ही ‘रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ की स्थापना से सम्बन्धित राजपत्र अधिसूचना जारी कर चुकी है। अर्थात राम मन्दिर निर्माण की राह में अब किसी प्रकार का रोड़ा नहीं है लेकिन निर्माण कार्य भी भाजपा के लिए फायदेमंद हो इसके लिए जो खाका तैयार किया गया है
वह निश्चित तौर पर कुशल रणनीति का एक हिस्सा कहा जा सकता है। ज्ञात हो देश की शीर्ष अदालत द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने के बाद ही मंदिर निर्माण के लिए न्यास का गठन किया जा चुका था। बीते दिन ट्रस्ट की पहली बैठक में आचार्य नृत्य गोपाल दास को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय को महासचिव नियुक्त किया गया है। महंत गोविंद गिरी जी को ट्रस्ट का कोषाध्यक्ष बनाया गया है तो दूसरी ओर पीएम मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा को ट्रस्ट के निर्माण समिति का चेयरमैन बनाया गया है।
मन्दिर निर्माण की तैयारियों के बीच रामजन्मभूमि में अब तक टेंट में विराजमान रामलला के भव्य व दिव्य मंदिर निर्माण से पहले उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने की रुपरेखा भी तैयार की जा चुकी है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से उन्हें पहले मानस भवन में प्रतिष्ठित करने की योजना बनाई थी लेकिन बाद में इस योजना को स्थगित कर अधिग्रहीत परिसर में ही स्थित मानस भवन के दक्षिण भाग वाली खाली जमीन पर अस्थाई मंदिर बनाकर ही प्रतिष्ठित किए जाने की बात कही जा रही है। बाकायदा अस्थाई मंदिर का डिजाइन भी तैयार किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि अन्तिम निर्णय रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक में ट्रस्टियों के अनुमोदन के बाद ही लिया जाएगा।
फिलहाल, राम मन्दिर निर्माण के सहारे तुरूप की चाल चलने वाली भाजपा काफी हद तक कामयाब होती नजर आ रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि राम मन्दिर निर्माण में श्रमदान के लिए दूर-दराज क्षेत्रों से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। खास बात यह है कि इस श्रमदान में सैकड़ों में संख्या में मुसलमानों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है। यदि भाजपा अपनी इस योजना में कामयाब हो गई तो निश्चित तौर पर वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से भाजपा का परचम लहराएगा।