पंजाब सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी रैलियां शुरू कर दी हैं। लेकिन चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के भीतर आतंरिक कलह के कारण पार्टी में टूट का सिलसिला जारी है। पंजाब में उठापटक के बाद पार्टी को आये दिन एक के बाद एक झटके लग रहे हैं।

कांग्रेस विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा और बलविंदर सिंह लाडी भाजपा में शामिल
दरअसल, कांग्रेस विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा और श्री हरगोबिंदपुर से कांग्रेस विधायक बलविंदर सिंह लाडी भाजपा में शामिल हो गए हैं। इनसे पहले पिछले सप्ताह पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
फतेहजंग के पार्टी छोड़ने से माझा क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। फतेहजंग बाजवा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के भाई हैं। उनका अपने भाई प्रताप बाजवा से सीटों को लेकर रस्साकसी शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में प्रताप बाजवा कादियां सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। जबकि फतेहजंग सीट बदलने को तैयार नहीं हैं। इस बीच, कांग्रेस हाईकमान की ओर से एक परिवार में केवल एक टिकट देने का फैसला सुनाकर बाजवा भाइयों समेत कई कांग्रेस नेताओं को असमंजस में डाल दिया है। माना जा रहा है कि इन्हीं कारणों से फतेहजंग ने कांग्रेस छोड़ी है।
पंजाब में एक तरफ मशहूर पूर्व इंटरनेशनल क्रिकेटर दिनेश मोंगिया की सियासत में एंट्री हुई है। इन्होंने भाजपा को ज्वाइन किया है। दूसरी तरफ कांग्रेस के दो मौजूदा विधायकों सहित राज्य के 16 नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं। बता दें कि मोंगिया के साथ कांग्रेस के मौजूदा विधायक फतेह बाजवा और बलविंदर सिंह, संगरूर के पूर्व सांसद राजदेव खालसा, शिरोमणि अकाली दल से तीन बार विधायक रह चुके गुरतेज सिंह गुड़ियाना, ईसाई नेता कमल बख्शी, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अधिवक्ता मधुमीत, जगदीप सिंह ढालीवाल, बूटा सिंह ढालीवाल, जरनैल सिंह, प्रवीण देओल, प्रदीप सिंगला, विकी भांगला, गुलशन कुमार, जगजीत सिंह और सुखविंदर सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि फतेह जंग बाजवा को सिद्धू का करीबी नेता माना जाता रहा है। माना जा रहा है कि भाजपा इनमें से कई नेताओं को विधानसभा चुनावों में टिकट दे सकती है।