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योगी आदित्यनाथ का ऐलान, घर-घर जाकर पहुंचाएगी राशन हमारी सरकार

UP में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण पर लगी अगले आदेश तक रोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए कल रात 8 बजे पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की। जिसके कुछ देर बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से निवेदन करते हुए कहा कि सभी लोग अपने-अपने घरों में रहें, बाहर न निकले। 23 करोड़ जनता की सुरक्षा और उनके उत्तम स्वास्थ्य की जिम्मेदारी हमारी है। उत्तर प्रदेश सरकार आपके घरों तक दूध-सब्जी और जरूरी सामान पहुंचाएगी। हम लोगों ने पहले से ही इसकी तैयारी कर रखी है। हमारे पास सभी चीजों का पर्याप्त भंडार है। योगी आदित्यनाथ ने सभी से अपील की कि लोग अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए बाजार न जाएं और अपने घरों में रहें।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हमने व्यवस्था बना ली है कि बुधवार से घर-घर तक सब्जी, दूध, फल, दवा और अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाएंगे। इसके लिए 10 हजार वाहन चिह्नित किये गए हैं। इनमें 45 सौ पुलिस की पीआरवी हैं। 102 और 108 की एम्बुलेंस और प्रशासन के वाहन हैं। मैं लोगों से अपील करता हूं इन सामग्रियों को खरीदने के लिए दुकानों पर न जाएं। क्योंकि यह सभी के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।”

सभी से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21 दिन की लॉकडाउन की अपील का अक्षरशः पालन करें। हम शपथ लें कि अपने घर के दरवाजे को लक्ष्मण रेखा समझकर घर में ही रहेंगे, बाहर एकदम नहीं निकलेंगे। हम सब मिल कर ही मानव सभ्यता के लिए इस बड़े खतरे से निपट सकते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सभी प्रदेशवासियों को आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार हर व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। हर जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि लोग अपने-अपने घरों में रहें और इस वैश्विक महामारी से लड़ने में अपना सहयोग दें। जान-माल की लड़ाई में योगी आदित्यनाथ ने भरोसा रखने कहा है और कहा कि ‘कोरोना हारेगा और भारत जीतेगा’। उन्होंने कई ट्वीट किए।

अपने ट्वीट में योगी ने लिखा, “वैश्विक महामारी की रोकथाम में औषधि से अधिक अनुशासन की आवश्यकता है। अत: स्व-अनुशासित होकर घर में रहें। राष्ट्रहित, समाजहित, मानवहित के दृष्टिगत कदापि यात्रा न करें। कोरोना संक्रमण की रोकथाम में आपका यह सहयोग महत्वपूर्ण व निर्णायक साबित होगा। कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा।”

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की इस लड़ाई में हम सब सहभागी बनें। लॉकडाउन की तात्कालिक कठिनाई को जीवन का अनुशासन मानते हुए स्वस्थ एवं सुरक्षित भविष्य का अभिन्न हिस्सा मानें।”

योगी सरकार ने महत्वपूर्ण घोषणाएं

-सभी जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया। कंट्रोल रूम का नम्बर नागरिकों में प्रसारित किया जाए ताकि जिला प्रशासन को भी उक्त व्यवस्था में बेहतर प्रबंध के लिए जनता से फीडबैक प्राप्त हो सके। आवश्यक खाद्य सामग्री जैसे दूध, कृषि, उद्यान, पशुपालन, खाद्य आपूर्ति के लिए अधिकारियों की स्थानीय स्तर पर कुशल समन्वय एवं प्रबंधन के लिए ड्यूटी लगाई जाएगी।

-होम डिलेवरी करने वाले रेस्टोरेंट, होटल और डिब्बा फूड को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि इन जगहों पर ज्यादा लोग जमा न हो। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि वह पुलिस आयुक्त/एसएसपी/एसपी के साथ समन्यव बनाते हुए ड्यूटी पर कार्यरत पुलिस अधिकारी एवं कार्मिकों को डोर-स्टेप व्यवस्था की समुचित जानकारी दी जाएं। ताकि व्यवस्था का संचालन सुचारू रूप से हो पाए। इसे पूरा करने में लोगों को प्रेरित करें।

-मंडी परिषद एवं मंडी समितियों द्वारा अन्य राज्यों एवं भारत सरकार के समन्यव से ऐसी आवश्यक खाद्य सामग्री जिसकी आपूर्ति अन्य राज्यों से होती है, उसकी सख्ती से निगरानी रखी जाएगी।

-उत्पादन एवं विपणन एसोसिएशन के माध्यम से जिलों में आवश्यक खाद्य सामग्री सप्लाइ चेन में इनका उपयोग किया जाएगा।

मजदूरों को 1000 रूपये की पहली किश्त

कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने दिहाड़ी मजदूरों को इस आपात स्थिति में 1000 देने का ऐलान की थी। मंगलवार को उन्होंने 20 लाख से अधिक दिहाड़ी मजदूरों को 1-1 हजार रुपए की पहली किस्त भेजी। मजदूरों को ये पैसे डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा गया। रेहड़ी, ठेला, खोमचा, रिक्शा, ई-रिक्शा चालक और पल्लेदारों को भी एक-एक हजार दी जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस आपदा में सबको सहभागी बनाने की जरूरत है। इस दृष्टि से प्रदेश सरकार ने दैनिक श्रमिकों के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था की है। जिसमें रेहड़ी, ठेला, खोमचा, रिक्शा, ई-रिक्शा चालक और पल्लेदार हैं। इन सभी को भी 1-1 हजार रूपए का भरण-पोषण भत्ता दी जाएगी। इसके लिए नगर विकास विभाग को अधिकृत किया गया है।

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास से श्रमिक भरण-पोषण योजना की शुरुआत की। इस दौरान चार श्रमिकों को प्रतिकात्मक तौर पर 1 हजार रुपये का चेक दिया गया। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने निराश्रित वृद्धा अवस्था, निर्माण श्रमिक और प्रतिदिन कमाने वाले श्रमिकों,अंत्योदय राशन कार्ड धारक, दिव्यांगजन पेंशन वाले को नि:शुल्क राशन देने की बात कही थी।

20 किलो गेंहू और 15 किलो चावल देने की व्यवस्था की गई है। इसके बाद भी उन्होंने कहा है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो लोग इससे वंचित रह जाएंगे या फिर किसी भी योजना से आच्छादित नहीं है। उन्हें भी 1 हजार रूपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है और सभी जनपदों को पर्याप्त धनराशि भेज दी गई है।

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