मीडिया से लोगों का दिन पर दिन विश्वास खत्म होता जा रहा है। इसका कारण है जल्दबाजी के चक्कर में भ्रमित न्यूज को पाठकों के सामने परोसना। ऐसे ही एक मामले में एएनआई न्यूज़ एजेंसी फंस गई है। एएनआई न्यूज़ अपने तेज प्रसारण के लिए जाना जाता है। बहरहाल, पिछले कुछ समय से पहले खबर लिखने की होड़ में एएनआई न्यूज़ एजेंसी सबसे आगे निकल गई है।
इसी दौरान पहले खबर लिखने की होड़ में एएनआई से एक बड़ी गलती हो गई। जिसका संज्ञान लेते हुए नोएडा पुलिस ने एएनआई को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए गलती सुधारने को कहा। इसके बाद एएनआई न्यूज़ के मालिक की तरफ से भूल सुधार किया गया। हालांकि, इस मामले में कहा यह जा रहा है कि नोएडा पुलिस जल्द ही एएनआई न्यूज़ एजेंसी के खिलाफ भ्रमित और फेक न्यूज़ लिखने के आरोप में मामला दर्ज कर सकती है।
हुआ यूं कि एएनआई यूपी ने मंगलवार 7 अप्रैल को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने अपने ट्वीट में गौतम बुद्ध नगर के डीसीपी डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस संकल्प शर्मा के बयान का हवाला देते हुए लिखा कि नोएडा सेक्टर- 5, हरौला में उन लोगों को क्वॉरंटिन किया गया है, जो तब्लीगी जमात के लोगों के कॉन्टैक्ट में आए है।
जिसके बाद एएनआई यूपी के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए एएनआई की मालिक स्मिता प्रकाश ने कहा, “नोएडा सुरक्षित रहो हालांकि, एएनआई यूपी के इस ट्वीट के बाद नोएडा पुलिस के डीसीपी रैंक के अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से समाचार एजेंसी के दावे का खंडन किया और इसे ‘फर्जी खबर’ करार दे दिया।”
इसके बाद नोएडा डीसीपी के ट्विटर हैंडल पर जवाब लिखा गया। प्रक्रिया के मुताबिक, उन लोगों को क्वॉरेंटिन किया गया है, जो कोरोना पॉजिटिव मामलों के संपर्क में आए हैं। तब्लीगी जमात का इसमें कोई जिक्र नहीं है। आप मिसकोट कर रहे हैं और फेक न्यूज़ बना रहे है।
वहीं नोएडा डीसीपी के इस ट्वीट को पुलिस कमिश्ननर नोएडा के ट्विटर हैंडल से भी रिट्वीट किया गया। डीसीपी नोएडा के इस ट्वीट के बाद न्यूज एजेंसी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गया। कई लोगों ने फर्जी खबरें फैलाने के लिए न्यूज एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
हालांकि, इसके बाद एएनआई ने ट्वीट डिलीट कर दिया। फिर इसमें सुधार करते हुए एक अन्य ट्वीट किया। इसमें ‘गौतम बुद्ध नगर के डीसीपी संकल्प शर्मा के हवाले से लिखा कि सुधार- सेक्टर 5 हरौला, (नोएडा) में जो कोरोना पॉजिटिव मामले में संपर्क में आए थे, उन्हें क्वॉरेंटिन किया गया है।
याद रहे कि इससे पहले ज़ी न्यूज़ मीडिया के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी तब्लीगी जमातियों के बारे में फर्जी खबर फैलाता हुए कई लोगों को पकड़ा जा चुका है। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद पुलिस की प्रतिक्रिया के बाद ज़ी मीडिया ने तो अपनी फर्जी ख़बर को अपने ट्विटर अकाउंट से ही डिलीट कर दिया था।