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दिल्ली पुलिस का जवान अमित ले रहा था अंतिम सांसें, अधिकारी मना रहे थे जश्न

दिल्ली पुलिस का जवान अमित ले रहा था अंतिम सांसें, अधिकारी मना रहे थे जश्न

5 मई को दिल्ली में पहले कोरोना मरीज की मौत पुलिस के जवान अमित राणा के रूप में सामने आए थी। तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक कोरोना योद्धा की इलाज के अभाव में इस तरह मौत हो जाएगी। दिल्ली पुलिस के भरत नगर थाने में तैनात हरियाणा के पानीपत के गांव हुल्लाहेडी निवासी अमित राणा कोरोना बीमारी से लोगों को बचाते बचाते हैं कब संक्रमित हो गया उसको पता ही नहीं चला।

4 मई को उसे इसका जब एहसास हुआ तो तब तक बहुत देर हो चुकी थी। हालांकि, अमित के एक मित्र नवीन ने दोस्ती का फर्ज अदा करते हुए उसे कई हॉस्पिटलों में दिखाया। लेकिन हॉस्पिटलों में मरीज देखने की बजाय डॉक्टरों की दिलचस्पी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट देखने में लगी रही। कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट जब तक आती तब तक अमित राणा इस दुनिया से सदा-सदा के लिए अलविदा हो चुका था।

इस मामले में सबसे संवेदनहीन चेहरा अमित राणा के ऑफिसर का सामने आ रहा है। बताया जाता है कि जिस भरत नगर थाने में अमित राणा तैनात था उसका एसएचओ मोहर सिंह मीणा उस समय जब राणा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था तो थाना इंचार्ज अपनी शादी की सालगिरह मनाने में व्यस्त था। हालांकि, इस दौरान नवीन ने कई बार फोन करके इंस्पेक्टर मोहर सिंह मीणा को अमित की गंभीर स्थिति की बाबत बात बताई थी। इसके बावजूद भी एसएचओ मोहर सिंह मीणा द्वारा अपनी शादी की सालगिरह मनाना बहुत ही असंवेदनशील माना जा रहा है।

अमित राणा की मौत के 2 दिन बाद वायरल हो रहे एक वीडियो में यह स्पष्ट भी हो रहा है। जिसमें थाना प्रभारी मोहर सिंह मीणा थाना परिसर में ही अपनी शादी की सालगिरह का केक काटते हुए नजर आ रहे हैं। इसमें उनके साथ ही कई पुलिसकर्मी भी मौजूद है जो उनके साथ जश्न मनाते हुए दिख रहे हैं। लेकिन इसी दौरान दूसरी तरफ इसी थाने का एक जवान नवीन भी है जो अमित राणा को कई हॉस्पिटलों में लेकर दर-दर दौड़ता रहा।

इस दौरान अमित राणा के मित्र नवीन का भी एक ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह अपनी आपबीती बता रहा है कि किस तरह वह एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल अमित को दिखाता रहा। लेकिन डॉक्टर उसके इलाज में आनाकानी करते रहे। इस दौरान पुलिस जवान नवीन की अधिकारियों के प्रति नाराजगी भी स्पष्ट हो रही है। जिसमें वह कह रहा है कि अगर अमित बड़ा अधिकारी होता तो आज उसके आगे-पीछे बड़ा प्रशासनिक अमला होता। लेकिन क्योंकि वह छोटा-सा सिपाही था, जिसकी कोई कदर नहीं है।

उधर, दूसरी तरफ एक दुख भरी खबर यह भी आ रही है कि अमित राणा के महज 3 साल के बेटे और उनकी पत्नी को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। फिलहाल दोनो को क्वारेंटाइन कर दिया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमित राणा के परिजनों को एक करोड़ सम्मान राशि का चेक सौंप दिया है। दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के सीपी ने अमित राणा की पत्नी से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बात करके उसे ढाढ़स बंधाया है। साथ ही केजरीवाल और दिल्ली के एलजी ने ट्वीट करके अमित को सच्चा सेवक बताया है।

 

गौरतलब है कि दिल्ली के 31 साल के कॉन्स्टेबल अमित राणा सोमवार की शाम को बिल्कुल स्वस्थ्य थे। उन्हें अहसास तक नहीं था कि कोविड 19 वायरस उनके शरीर पर हमला कर चुका है। लेकिन अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और 24 घंटे के अंदर ही उनकी मौत हो गई। उनकी मौत डरावनी इसलिए है क्योंकि ये बताती है कि कोविड 19 वायरस किस कदर खतरनाक है और हम और सरकार इसे लेकर कितने लापरवाह हैं।

31 वर्षीय कांस्टेबल अमित राणा कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले दिल्‍ली के पहले पुलिसकर्मी हैं। उनके इलाज के दौरान कई लापरवाही सामने आई है। एक अस्‍पताल ने उन्‍हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। जबकि एक अन्‍य अस्‍पताल ने भर्ती तो किया लेकिन कोरोना के लक्षण दिखने और हालत बिगड़ने के बावजूद डिस्‍चार्ज कर दिया।याद रहे कि कि दिल्ली पुलिस के 80 जवान कोरोनो संक्रमित हो चुके हैं।

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