भारत में कोरोना वायरस के चलते लोग दहशत में हैं और ऐसे समय में सब एकजुटता बनाए हुए हैं। देश के राजनीतिक लोग ऐसे समय में कोरोना महामारी से बचाव के उपाय खोज रहे हैं। लेकिन ऐसे में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को राजनीति सूझ रही है। अब उन्हें याद आ रहा है कि भाजपा ने मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार बनाने के लिए लॉक डाउन में देरी की।
यही नहीं बल्कि लॉकडाउन के 19 दिन बीत जाने के बाद उन्हें याद आया कि प्रदेश में ना कोई स्वास्थ्य मंत्री है और ना ही मंत्रिमंडल का गठन ही हुआ है। ऐसे में मंत्रिमंडल का गठन होना संभव भी नहीं है। लेकिन जब से मध्य प्रदेश की सीएम की कुर्सी से कमलनाथ उतरे हैं। तब से वह कुछ बोल नहीं रहे थे। अब जब वह बोले हैं तो मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर कोरोना के कहर में भी करंट मारती दिख रही है।
आज कमलनाथ ने कहा कि भाजपा मध्यप्रदेश के लोगों को बेवकूफ बना रही है, क्योंकि इतने गंभीर संकट में भी राज्य में न कोई मंत्रिमंडल है, न ही कोई स्वास्थ्य मंत्री, ना ही गृह मंत्री है। आज मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैंने 20 मार्च को इस्तीफा दे दिया, लेकिन 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद लॉकडाउन की घोषणा की गई।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने फरवरी में ही कहा था कि कोरोना वायरस महामारी बड़ी समस्या में बदल जाएगी पर तब कुछ नहीं किया गया था। विभिन्न राज्य विधानसभाओं को कोरोना के कारण स्थगित किया गया था, लेकिन हमारी सरकार चली जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए संसद चलती रही। कमलनाथ ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में हमने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जांच के लिए कुछ निर्णय लिए थे।
यही नहीं बल्कि हमने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाए थे। आठ मार्च को शॉपिंग मॉल, स्कूलों आदि को बंद करने का आदेश दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि वह कोविड -19 के खतरे के कारण सदन स्थगित कर रहे हैं, तब भाजपा के लोगों ने उनका मजाक उड़ाया था, लेकिन देखिए बाद में पूरे देश में लॉकडाउन है।