आंध्र प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का विवादों संग गहरा नाता रहा है। कांग्रेस नेता वाईएसआर रेड्डी के बेटे जगन पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामले लंबे अर्से से लंबित चल रहे हैं। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय पर बतौर गंभीर आरोप लगाने वाले जगन ने गत् वर्ष सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एनवी रमन्ना को भी अपने निशाने पर ले लिया था। रमन्ना वर्तमान में देश के मुख्य न्यायाधीश हैं। वर्तमान में तेलगुदेशम पार्टी के नेता चंद्र बाबू नायडू एक बार फिर से एनडीए गठबंधन में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं। नायडू और जगन के रिश्ते रसातल में पहुंच चुके हैं। नायडू जगन सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। यदि नायडू की एनडीए में वापसी होती है तो जगन की मुश्किलों में इजाफा होना तय है

देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस से अलग होकर बनी वाईएसआर कांग्रेस के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के जांच का शिकंजा जगन रेड्डी पर कस रहा है तो दूसरी तरफ राज्य के मुख्य विपक्षी दल तेलगुदेशम संग उनका विवाद सदन से उतर सड़क में पहुंच चुका है।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्र बाबू नायडू अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं। चंद्र बाबू नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि राज्य में संवैधानिक तंत्र और कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। गत् सप्ताह देश के गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू- कश्मीर से लौटते ही नायडू ने उनसे मुलाकात की। नायडू ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘हमें राज्य और उसके लोगों की रक्षा के लिए लड़ने की जरूरत है। हम पर केवल इसलिए हमले हो रहे हैं कि तेदेपा ने ड्रग माफिया के साथ सत्तारूढ़ सरकार के संबंधों को उजागर करने का फैसला किया है और हम राज्य सरकार और शराब माफिया के रिश्तों की खिलाफत कर रहे हैं।
नायडू के नेतृत्व में तेदेपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर 25 अक्टूबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान नायडू ने आंध्र प्रदेश में हो रही गतिविधियों को लेकर राष्ट्रपति को आठ पेज की रिपोर्ट सौंपी। तेलगुदेशम पार्टी ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के मुख्यालय में उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों पर हमला किया। यहां तक की पार्टी नेताओं पर भी हमला किया गया। नायडू ने आरोप लगाया है कि वाईएसआर सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि तेलगुदेशम लंबे समय तक एनडीए का हिस्सा रही है। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले चंद्र बाबू नायडू ने एनडीए छोड़ने का एलान कर दिया था। अब एक बार फिर से वे एनडीए में वापसी का रास्ता तलाशते नजर आ रहे हैं। उनका भाजपा के शीर्ष नेताओं से लगातार संपर्क बना हुआ है। नायडू एक तरफ भाजपा और एनडीए के संग रिश्ते सुधारने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ उन्होंने जगन रेड्डी की सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। ऐसे में तेलगुदेशम की यदि एनडीए में वापसी होती है तो जगन रेड्डी की मुश्किलों में इजाफा तय है।

जगन रेड्डी पहले से ही सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के घेरे में हैं। उन पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिग के आरोप हैं। 2009 में पहली बार सांसद बने रेड्डी ने अपनी घोषित संपत्ति 24 करोड़ बताई थी। उस समय अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और उनके पिता वाईएसआर रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री थे। विपक्ष दल हमेशा से ही जगन रेड्डी पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगाते आए हैं। 2008 में जगन मोहन रेड्डी ने एक बहुत बड़ा तेलगु दैनिक समाचार पत्र ‘साक्षी’ शुरू किया था। तेइस एडिशन वाले इस समाचार पत्र को शुरू करने के लिए कई सौ करोड़ रुपए की पूंजी लगी। बाद में यह बात सामने आई कि आंध्र प्रदेश की कई ऐसी कंपनियों ने इसमें पैसा लगाया था जिन्हें वाईएसआर सरकार के कई फैसलों से लाभ मिला था।

इसके अलावा वाईएसआर सरकार ने इस अखबार को दिल खोलकर सरकारी विज्ञापन देने शुरू किए पहले एक वर्ष में ही उसे 80 करोड़ रुपए के विज्ञापन मिले। साल 2009 में मीडिया में जगन की ताकत और भी बढ़ी जब उन्होंने ‘साक्षी’ के नाम से एक टीवी चैनल शुरू किया। तब एक बार फिर विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इस चैनल में लगी पूंजी भ्रष्टाचार के जरिए जुटाई गई है। सितंबर, 2009 में वाईएसआर रेड्डी की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में हुई मृत्यु के बाद जगन रेड्डी और कांग्रेस के रिश्ते बिगड़ते चले गए। 2012 में केंद्र में यूपीए सरकार के रहते सीबीआई ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया। लंबे अर्से तक जेल में रहे जगन ने कांग्रेस से रिश्ता तोड़ वाईएसआर कांग्रेस बनाई। 2014 में उन्हें 67 सीटों पर विजय मिली और वे नेता विपक्ष बने थे।
2019 के विधानसभा चुनावों में जगन की पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में अपनी सरकार बना डाली। तब से लेकर लगातार जगन रेड्डी विवादों का केंद्र में बने हुए हैं। गत् वर्ष उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक पत्र राष्ट्रपति को भेज खलबली मचा दी थी। तब यह माना गया कि रेड्डी ने यह पत्र रमन्ना को मुख्य न्यायाधीश बनने से रोकने के लिए लिखा। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और न्यायमूर्ति रमन्ना वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। राजनीतिक विशेषलेक मान रहे हैं कि तेलगुदेशम के अध्यक्ष एन ़ चन्द्र बाबू नायडू का एनडीए में री-इंट्री के प्रयास यदि सफल होते हैं तो आने वाले समय में जगन रेड्डी की मुश्किलों में भारी इजाफा होना तय है।