दिल्ली में आम आदमी पार्टी को अलविदा कर कांग्रेस में घर वापसी करके अलका लांबा ने फिर से दिल्ली कांग्रेस को चुस्त दुरुस्त करने की ठानी है। प्रदेश में सत्तासीन आम आदमी पार्टी को शिकस्त देने के लिए लांबा ने कांग्रेस में आकर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। फिलहाल कांग्रेस ने अलका को दिल्ली में कोई जिम्मेदारी नही दी है। आम आदमी पार्टी में रहकर भी कांग्रेस की विश्वासपात्र रही अलका सोनिया गांधी की सुपर सूची में शामिल हों चुकी है। अब इसका इनाम देने की तैयारी की जा रही है। पार्टी सूत्रों की माने तो सोनिया गांधी अलका लांबा को जल्द ही दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका सौप सकती है। बताया जा रहा है कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनावो के मददेनजर दिल्ली की इलेक्शन कमेटी में शामिल किया जा सकता है।

अलका लांबा वर्तमान में दिल्ली की चांदनी चौक सीट से विधायक हैं। अलका लांबा हाल ही में उस समय सुर्खियों में आईं थी, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के खिलाफ जाने के आरोप में उनसे इस्तीफा मांग लिया था। दरअसल, पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा में राजौरी गार्डन सीट से आप विधायक जरनैल सिंह की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी भूमिका थी, इसलिए उनसे भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव पास किया जाए। इसके विरोध में अलका लांबा ने सदन से वॉक आउट किया, जिसके बाद पार्टी में हंगामा मच गया।
अलका लांबा आम आदमी पार्टी में आने से पहले करीब 20 सालों तक कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रहीं। दिसंबर 2014 में राहुल गांधी के ऊपर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अलका ने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। 2015 के विधानसभा चुनावों में चांदनी चौक सीट से भाजपा की सुमन कुमार गुप्ता को हराकर अलका लांबा आप की विधायक बनीं। अलका ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज और सेंट स्टीफंस कॉलेज से एमएससी व एमएड की पढ़ाई की है। साल 1995-96 में उन्हें कॉलेज की बेस्ट एथलीट के पद से भी नवाजा गया था।

अलका लांबा ने साल 1994 में सियासत की दुनिया में कदम रखा था। साल 1997 में अलका लांबा कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर सुर्खियों में आईं। साल 2003 में अलका लांबा कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली की मोती नगर विधानसभा सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के खिलाफ भी चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गईं।
2014 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया। अलका लांबा की शादी लोकेश कपूर से हुई थी। हालांकि करीब एक साल बाद ही दोनों के बीच अनबन रहने लगी और दोनों अलग हो गए। साल 2003 में अलका के पति ने आरोप लगाया कि उन्होंने उनके एक मकान पर अवैध कब्जा कर उसे अपना राजनीतिक दफ्तर बना लिया है। अलका लांबा के पति ने उनके ऊपर अपने परिजनों को परेशान करने का भी आरोप लगाया था। अलका लांबा का एक बेटा भी है, जिसका नाम ऋतिक है। फिलहाल उनके पति से अलका का तलाक हो चुका है।

अलका लांबा का विवादों से भी पुराना नाता रहा है। साल 2012 में गुवाहाटी में हुए रेप के एक मामले में अलका लांबा के ऊपर पीड़िता की पहचान उजागर करने का आरोप लगा। सितंबर 2014 में अलका लांबा और आप के पूर्व विधायक विनोद कुमार बिन्नी के बीच सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक पोस्ट को लेकर विवाद छिड़ गया। इस पोस्ट में अलका लांबा के ऊपर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया था। अलका लांबा ने इस मामले में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। इसके बाद साल 2015 में अलका लांबा के ऊपर आरोप लगा कि उन्होंने अपने कुछ समर्थकों के साथ मिलकर भाजपा विधायक ओपी शर्मा की दुकान में जबरन प्रवेश किया और दुकान का सामान इधर-उधर फेंक दिया।