उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 5 दिन पहले शुरू हुआ जहरीली शराब का प्रकोप अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक अलीगढ़ के जहरीली शराब से प्रभावित गांव में 99 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में सरकार ने 33 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसी के साथ ही 698 पुलिसकर्मियों के तबादले कर दिए गए हैं । यह वह पुलिसकर्मी है जो एक ही जिले में वर्षों से टिके थे ।
इस मामले में शुरू के दिन जब सरकारी ठेकों से जहरीली शराब पीकर मरने वाले लोगों का सिलसिला शुरू हुआ तभी से शराब माफिया सक्रिय हो गए।
सक्रिय वह इसलिए हुए की जिससे जहरीली शराब को ठिकाने लगाया जा सके। इसके चलते जहरीली शराब को सरकारी ठेकों से निकालकर रातो रात नेहरो में फेंक दिया गया।
शराब माफियाओं ने तब यह नहीं सोचा कि इस शराब को नहर में फेंकने से कितनी जन हानि हो सकती है।
हुआ भी ऐसा ही ,जब थाना जवा के प्रथला गांव में नहर में फेंक दी गई शराब की बोतलें भट्ठा मजदूरों के हाथ लग गई। भट्ठा मजदूरों ने नेहर से शराब की बोतलों को निकाला और उन्होंने उसी पी लिया। बेचारे मजदूर को क्या पता था कि शराब की यह बोतलें वही है जिनकी शराब को पीकर अब तक 99 लोग मर चुके हैं।
बताया जा रहा है कि कल से अब तक 4 मजदूरों की नहर से निकाली गई शराब पीने से मौत हो गई है। मृतकों में दो महिलाएं और दो पुरुष हैं। मरने वाले सभी मजदूर बिहार के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
जबकि 20 भट्टा मजदूर ऐसे हैं जिनकी हालत गंभीर बनी हुई हैं। इन मजदूरों को अलीगढ़ के जे एन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।