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टिकैत के आंसुओं से पिघले अजीत सिंह, खुलकर आए समर्थन में

किसान आंदोलन में अभी तक रहस्यमय चुप्पी साधे बैठे पश्चिमी यूपी के किसान नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजीत सिंह राकेश टिकैत के आंसुओं को देख आखिर पिघल गए हैं। टिकैत के रोते हुए वीडियो को देखने के बाद आरएलडी मुखिया चौधरी अजित सिंह भी अब खुलकर सरकार के विरोध और किसानों के साथ आ गए। उन्होंने  टिकैत और भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत से बात की। यही नही बल्कि रात में करीब आठ बजे अजित सिंह के पुत्र और पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने भी ट्वीट किया। जयंत चौधरी ने राकेश टिकैत को आश्वस्त करते हुए कहा कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है। यह संदेश चौधरी साहब ने दिया है।

गाजीपुर बॉर्डर पर बीती रात पुलिस ही पुलिस दिखाई दे रही थी।गाजीपुर बॉर्डर एक तरह से छावनी में तब्दील हो गया था। बड़ी तादाद में पुलिस के जवान और रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान तैनात थे। गाजीपुर बॉर्डर इलाके में धारा 144 लगा दी गई। ऐसी संभावना थी कि राकेश टिकैत सरेंडर कर सकते हैं या पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी ।

इस दौरान आगे के कदम को लेकर भी भारतीय किसान यूनियन में मतभेद भी सामने आया। जब राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने यह तक कह दिया था कि गाजीपुर का धरना प्रदर्शन अब खत्म हो जाएगा। उन्होंने मुजफ्फरनगर में एक सभा में इसका ऐलान भी कर दिया और कहा कि निराश नहीं हों। आज गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन खत्म हो जाएगा। पुलिस द्वारा पीटे जाने से बेहतर है कि उस स्थान को खाली कर दें। लेकिन राकेश टिकैत की कल शाम हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस से अचानक माहौल बदल गया। जिससे आंदोलन में टर्निंग प्वाइंट आ गया।

कल भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पत्रकारों से बातचीत करते हुए न केवल भावुक हो गए बल्कि वह कैमरों के आगे रो पड़े। भावुक होते हुए टिकैत ने कहा कि यहां अत्याचार हो रहा है, लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा। ये कानून वापस होंगे। यदि ये कानून वापस नहीं हुए तो राकेश टिकैत आत्महत्या कर लेगा ।

टिकैत ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को मारने की कोशिश की जा रही है। भाजपा के विधायक यहां 300 लोगों के साथ लाठी डंडे लेकर आए हैं। इससे पहले यह तक कहा जाने लगा था कि टिकैत आज रात तक सरेंडर कर सकते हैं।लेकिन टिकैत ने सरेंडर करने को लेकर जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि वे सरेंडर नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी लाल किले पर तिरंगे के अलावा झंडा फहराया था, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को जांच करनी चाहिए। उन्होंने कोर्ट से कमेटी के गठन की भी मांग की।

इसके साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि उनकी जान को खतरा है। गिरफ्तारी के नाम पर प्रशासन उनकी हत्या की साजिश रच रहा है। उन्होंने अपनी एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि विधानसभा लखनऊ के नाम का पास लगी गाड़ियों में हथियारबंद गुंडे धरने पर उन्हें मारने के लिए भेजे गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से भावुक अपील करते हुए कहा है कि हमारी बिजली काट दी गई है। पानी रोक दिया गया है। जब तक गांव से पानी लेकर धरने पर नही आओगे पानी नहीं पियूंगा।  ऐसा कहते हुए राकेश टिकैत बेहद भावुक हो गए और उनकी आंख से आंसू बहने लगे।

 

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