मंगलवार को तिरुवनंतपुरम के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइट सेवाएं शाम चार बजे से लेकर रात नौ बजे तक निलंबित रहीं। ऐसा होना कोई नई बात नहीं है। ये हवाईअड्डा साल में दो बार कुछ घंटों के लिए अपनी फ्लाइट सेवाएं निलंबित करता है । उड़ान सेवाएं निलंबित करने की वजह है धार्मिक गतिविधि। दरअसल भगवान विष्णु को स्नान कराने के लिए रनवे से गुजरने वाले जुलूस अरट्टू के चलते मंगलवार को पांच घंटे के लिए उड़ान सेवाओं को बंद कर दिया गया। मशहूर पद्मनाभ स्वामी मंदिर की इस प्राचीन परंपरा के लिए प्रतिवर्ष दो बार ये इंटरनैशनल हवाई अड्डा अपनी उड़ानों के कार्यक्रम में बदलाव करता है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर का यह जुलूस रनवे के पास से होकर गुजरता है।
अरट्टू जुलूस के साथ ही मंगलवार को मंदिर का यह उत्सव पूरा हो गया। तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस ,और एयर अरबिया सहित अन्य कई विमान वाहकों की कम से कम 10 उड़ानें रद्द कर दीं गईं। हवाई अड्डे रनवे के पास अरट्टू मंडप है। मंदिर की मूर्तियों को जुलूस के दौरान एक रस्म के तौर पर कुछ देर के लिए मंडप में रखा जाता है। मंदिर की परंपरा के मुताबिक मंदिर के देवताओं की प्रतिमाओं को साल में दो बार नहलाने के लिए समुद्र में ले जाया जाता है। जो की हवाई अड्डे के पीछे है। गौरतलब है कि 1992 में इस हवाई अड्डे के बनने से पहले ही यह जुलूस इसी रस्ते से होकर गुजरता रहा है।
इस धार्मिक गतिविधि के लिए हवाई अड्डे को बंद करने की यह प्रथा कई सालों से चली आ रही है। बीते वर्ष अडाणी समूह द्वारा इस हवाई अड्डे का मैनेजमेंट अपने हाथ में लेने के बावजूद भी यह रुकी नहीं। हवाई अड्डा प्रबंधन के मुताबिक अरट्टू जुलूस के तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे से गुजरने के लिए श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर की सदियों पुरानी परंपरा के सुचारू संचालन के लिए उड़ान सेवाएं एक नवंबर को शाम चार बजे से रात नौ बजे तक स्थगित रहीं।