विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वायु प्रदूषण वर्तमान में एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है और वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक लोग मारे जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने छह प्रमुख खतरनाक प्रदूषकों पर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं और सभी देशों से इनका पालन करने का आह्वान किया है। संगठन के अनुसार, इससे दुनिया भर के लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने छह हानिकारक प्रदूषकों पर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं: पीएम 2.5, पीएम 10, ओजोन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड। इन प्रदूषकों के संबंध में 2005 में दिशानिर्देश जारी किए गए थे। अब तो और सख्त गाइडलाइंस जारी कर दी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया है कि ये दिशानिर्देश दुनिया के सभी देशों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं हैं, लेकिन वायु प्रदूषण की समस्या पर काबू पाने में निश्चित रूप से उपयोगी होंगे।
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पीएम 2.5 वायु प्रदूषण के कारण 80% मौतों का कारण बनता है। इसलिए इन प्रदूषकों को सबसे खतरनाक माना जाता है। इससे पहले 2009 में भारत ने इन प्रदूषकों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिशा-निर्देश जारी किए थे। अब नए दिशानिर्देश अगले साल 2022 तक तैयार होने की उम्मीद है। भारत का लक्ष्य 2017 की तुलना में 2024 तक देश में पीएम 2.5 के स्तर को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करना है।