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वायुसेना ने हासिल की स्पाइस बमों की खेप

भारतीय वायुसेना ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में सफलतापूर्वक इस्तेमाल की गई ‘बिल्डिंग ब्लास्टर’ के नाम से प्रसिद्ध स्पाइस-2000 बमों की पहली खेप इज़रायल से हासिल कर ली है। यह उन बमों का उन्नत संस्करण है जिनसे भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी अड्डों पर बीती फरवरी माह फरवरी में  भयानक कहर बरपाया था।

 सूत्रों के मुताबिक बताया गया कि यह बम मिराज-2000 फाइटर एयरक्राफ्ट के घरेलू बेस ग्वालियर को हासिल हुआ है क्योंकि यही एयरक्राफ्ट इन इजरायली बमों को फायर करने में सक्षम है। भारत और इस्राइल के बीच इस साल जून में हस्ताक्षर किए गए लगभग 300 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत यह बम भारत को दिए जा रहे हैं। इस बम में बिल्डिंग को पूरी तरह ध्वस्त करने की क्षमता है। एक टन वजनी स्पाइस बम अपने लक्ष्य पर बेहद सटीक मार करने वाला स्मार्ट बम है जो लक्ष्य से 60 किलोमीटर दूर से भी छोड़ा जा सकता है। एक बार विमान से दागे जाने के बाद स्पाइस बम खुद ग्लाइड करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुंचता है और उसे तबाह कर देता है। खास विशेषताओं के कारण ही इसे ‘बिल्डिंग ब्लास्टर’ भी कहा जाता है। 

जानकारी के अनुसार इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इसी महीने भारत आएंगे। माना जा रहा है कि सितंबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली उनकी इस यात्रा के दौरान अवाक्स (एयरबॉर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) और हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल का सौदा भी हो सकता है। भारतीय वायुसेना को डर्बी मिसाइलों की आवश्यकता भी है। उम्मीद की जा रही है कि नेतन्याहू के दौरे में अवाक्स और डर्बी के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण रक्षा सौदों को अमली जामा पहनाया जा सकता है। गौरतलब है कि  17 सितंबर को ही इस्राइल में आम चुनाव हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नेतन्याहू का यह भारत दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
फिलहाल भारत के पास पांच अवाक्स सिस्टम हैं। भारत दो और अवाक्स सिस्टम खरीदना चाहता है। युद्ध के हालात बनने पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भारत की योजना ये अवाक्स सिस्टम रूसी विमान ए-50 पर लगाने की है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। बता दें कि पाकिस्तान के पास चीन के सात अवाक्स सिस्टम हैं।

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