दुनियाभर के देश इस समय कोरोना से निजात के लिए वैक्सीन की खोज में हैं। इसी क्रम में देश की राजधानी दिल्ली के एम्स में चल रहे कोरोना वैक्सीन के परीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है। हालाँकि परीक्षण की गति धीमी होने के कारण 100 वालंटियर्स को वैक्सीन की खुराक नहीं दी जा सकती इसलिए इनमें से 16 वालंटियर्स को ही वैक्सीन की खुराक दी गई। वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट न दिखने पर इन सभी को दूसरी खुराक दी जा रही है।
पहले चरण के ट्रायल में 376 वालंटियर्स को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जानी थी। इनमें से 100 का परीक्षण एम्स में होना था। इनमें से सिर्फ 16 स्वयंसेवकों को AIIMS में टीका लगाया गया। इस ट्रायल को जल्दी करने के लिए निजी लैब को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, बाकी राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में परीक्षण का लक्ष्य पूरा किया गया।
भारत में टीका परीक्षण के पहले चरण में कुल 376 लोगों का परीक्षण किया जाना था। इनमें से 100 लोगों का एम्स में परीक्षण किया जाना था। ट्रायल के लिए एम्स ने एथिक्स कमेटी का गठन किया, जिसे 18 जुलाई को टीकाकरण शुरू करने की मंजूरी दी गई थी।
जिन 16 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी, उन्हें दूसरी खुराक दी गई है। एक स्वयंसेवक को शनिवार को दूसरी खुराक दी गई। 24 जुलाई के बाद पहली बार अस्पताल में 30 वर्षीय व्यक्ति को यह टीका दिया गया था। वैक्सीन कार्यक्रम से जुड़े एक डॉक्टर ने कहा कि अब धीरे-धीरे अन्य लोगों को भी दूसरी खुराक दी जाएगी। जिन 16 लोगों का परीक्षण किया जा रहा है वे बिल्कुल स्वस्थ हैं।