आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) दुनिया भर में तेजी से हावी हो रहा है। यह घंटों में होने वाले काम को मिनटों या सेकंडों में कर रहा है। इंसानों को सुविधा देने के अलावा, एआई अब नौकरी क्षेत्र पर भी हावी हो रहा है। एआई द्वारा आसान किए गए काम का असर नौकरी क्षेत्र पर पड़ने लगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि एआई नौकरियां छीन सकता है। इस बीच एक नई रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को इसका खतरा सबसे ज्यादा है।
मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट ने यह पता लगाने के लिए शोध किया कि एआई से नौकरी का जोखिम क्यों और कितना है। शोध में दावा किया गया है कि एआई के कारण नौकरी छूटने से महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी।
कैसे और किन क्षेत्रों में घटेंगी महिलाओं की नौकरियां
- महिलाओं को 1.5 गुना अधिक नौकरियों की आवश्यकता : कंसल्टिंग फर्म मैकिन्जे ग्लोबल इंस्टीट्यूट अमेरिकी श्रम बाजार में नौकरी के रुझान को समझते हुए रिर्पोट साझा की। शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक काम के एक तिहाई घंटे मशीनें पूरा कर लेंगी। आने वाले वर्षों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 1.5 गुना अधिक बार नई नौकरी ढूंढनी होगी, लेकिन अब ऐसा क्यों होगा आइए समझते हैं।
- इन क्षेत्रों में अधिक खतरा: शोध में दावा किया गया है कि कम वेतन वाली नौकरियों में महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। एआई का सबसे ज्यादा असर इस क्षेत्र की नौकरियों पर पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां महिलाएं सबसे ज्यादा काम कर रही हैं, जिनमें ग्राहक सेवा, बिक्री कार्यालय और खाद्य सेवाएं शामिल हैं। इन क्षेत्रों में मशीनों और AI का सबसे ज्यादा इस्तेमाल बढ़ेगा।
- 80 प्रतिशत सेक्टरों में अधिक नुकसान : केनन-फ्लैगलर बिजनेस स्कूल के अनुसार, पुरुषों की तुलना में वर्तमान में कार्यरत 80 प्रतिशत महिलाएं उन सेक्टरों से संबंधित हैं जहां एआई के आगमन के कारण नुकसान का जोखिम सबसे ज्यादा है।
एक अन्य शोध रिपोर्ट में गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि ऐसे 15 व्यवसाय हैं। जिस पर AI द्वारा प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इनमें प्रबंधन, इंजीनियरिंग और कानूनी नौकरियां शामिल हैं। रेवेलियो लैब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एआई से दुभाषियों, प्रोग्रामर और टेलीमार्केटर्स की नौकरियां सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। 71 प्रतिशत महिलाएं ऐसे क्षेत्रों में हैं जहां एआई को सीधे लागू किया जा सकता है।