दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है।इस घोषणा पत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10 वादे किए है। इसके अलावा मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने संबोधन में नगर निगम में सालों से अधिकार जमाए बैठी भाजपा सरकार पर भी जमकर हमला बोला है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि‘ दिल्ली के लोगों को भाजपा ने धोखा दिया है। दिल्ली में कूड़े के समाधान को लेकर भाजपा अपने वादे से पलट गई।आज दिल्ली में हर जगह कूड़ा ही कूड़ा देखने को मिलता है। हमने योगा क्लास शुरू की लेकिन भाजपा ने उसे बंद कर दिया है। हमारी हर घर राशन योजना को भी भाजपा ने बंद करवाया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि,दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा को दस से भी काम सीटें आएंगी, कहो तो मैं लिख कर देता हूं। मैं दिल्लीवासियों को कहना चाहता हूं कि लड़ाई करने वालों को वोट मत देना, स्कूल बनाने वालों को वोट देना है।इससे पहले भाजपा ने भी वचन पत्र जारी किया था,जिसमें शहर के प्रत्येक झुग्गी-बस्ती में रहने वाले लोगों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने का वादा किया था। दिल्ली में नगर निगम चुनाव के लिए 4 दिसंबर को मतदान होनी है।
आम आदमी पार्टी ने दिल्लीवासियों को दिए ‘दस गारंटी’
1. दिल्ली को साफ और सुंदर बनाएंगे और कूड़े के पहाड़ खत्म करेंगे। कोई भी नया कूड़े का पहाड़ नहीं बनने देंगे।
2. वसूली व्यवस्था को बंद करेंगे। एमसीडी को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे। अवैध निर्माणों को पैनल्टी लेकर नियमित करेंगे।
3. पार्किंग की समस्या का समाधान करेंगे।
4. सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं की समस्या का समाधान करेंगे।
5. दिल्ली में सड़कें-गलियां बेहतर बनाएंगे।
6. नगर निगम के सभी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों की हालत सुधारेंगे।
7. नगर निगम के सभी पार्कों को संवारेंगे और दिल्ली को पार्कों की राजधानी बनाएंगे।
8. कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा और समय पर सैलरी देंगे।
9. व्यापारियों के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया आसान करेंगे। इंस्पेक्टर राज भी खत्म करेंगे और भी समस्याओं से मुक्ति दिलाएंगे।
10. रेहड़ी-पटरी वालों की समस्या का समाधान करने के लिए वेंडिंग जोन बनाकर लाइसेंस देंगे।
गौरतलब है कि,दिल्ली नगर निगम के 250 सीटों पर 4 दिसंबर को मतदान होगी, जबकि चुनाव का परिणाम 7 दिसंबर को आएगा। इस बार नगर निगम चुनाव में दिल्ली के तीनों नगर निगमों को मिला दिया गया है। इससे पहले दिल्ली के तीनों नगर निगमों में कुल 272 वार्ड थे लेकिन परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या 250 रह गई है। दिल्ली के 250 वार्ड में से 50 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित रखा है। 42 सीट अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए भी रिजर्व रखी है। दिल्ली पहले एक ही नगर निगम हुआ करती थी लेकिन साल 2011 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने इसे तीन भागों में बांट दिया था। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने तर्क दिया था कि दिल्ली काफी फैल चुकी है और दिल्ली की जनसंख्या भी काफी बढ़ गई है। नगर निगम को एक की बजाय तीन में विभाजित करने से स्थानीय स्तर पर कामकाज बेहतर होगा और नगर निगम पर बोझ भी कम होगा,लेकिन इसके बाद भी इसमें कुछ खास फायदा देखने को नहीं मिला था।