बिहार चुनाव में कम सीटें आने के बाद कांग्रेस बैकफुट पर है। पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में अगस्ता वैस्टलैंड घोटाले में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के नाम सामने आने के बाद एक बार फिर कांग्रेस को मुंह छुपाना पड़ रहा है। दरअसल घोटाले के मुख्य गवाह चार्टर्ड अकाउंटेंट राजीव सक्सेना ने अपने बयान में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का नाम जोड़ा है। सक्सेना ने कांग्रेस के सलमान खुर्शीद, अहमद पटेल कमलनाथ के बेटे बकुल नाथ और भतीजे रतुल पुरी का नाम सामने आया है। अगस्ता वैस्टलैंड घोटाले में तीन हफ्ते पहले ही राजीव को अंतरिम जमानत दी गई है। राजीव को 2019 में दुबई से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था। ईडी ने राजीव की 385 करोड़ की संपत्ति को अटैच करने के साथ-साथ उनसे पूछताछ की थी। ईडी अब राजीव सक्सेना को मुख्य अप्रूवर से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट गई है। जाँच एजेंसी का कहना है कि वो अगस्ता-वेस्टलैंड मामले में खुल कर सारे फैक्ट्स पेश नहीं कर रहा है।
द इंडियन एक्सप्रेस ने राजीव सक्सेना के बयानों पर आधारित 1000 पेज के सरकारी दस्तावेजों, बैंक स्टेटमेंट्स, ईमेल चैट्स और फर्जी कंपनियों के विवरणों के अध्ययन के बाद खुलासा किया है कि हवाला कारोबार और फर्जी कंपनियों का एक बड़ा नेटवर्क था, जिससे इस मामले के सभी आरोपित जुड़े हुए थे। इनमें राजीव सक्सेना की इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज और क्रिस्चियन मिशेल की ग्लोबल सर्विसेज प्रमुख हैं। मिशेल को दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था और वो तभी से जेल में है। सक्सेना ने खुलासा किया है कि इनमें से बड़ी रकम कई ऐसे नेताओं और अधिकारियों को भी दी गई, जो उस वक्त सरकारी निर्णयों को प्रभावित करने की क्षमता रखते थे।
सीबीआई ने 17 सितम्बर 2020 को दायर की गई चार्जशीट में बताया है कि ”2000 में सक्सेना के पास इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज के 99.9% शेयर्स थे। उसने गौतम खेतान के साथ मिल कर अपनी कम्पनी के बैंक खाते में अगस्ता-वेस्टलैंड से 12.4 मिलियन यूरो प्राप्त किए थे। इसके बाद इस रकम को आगे दलालों, नेताओं और अधिकारियों में बाँटे गए। उसने रक्षा मामलों के दलाल सुषेण मोहन गुप्ता और कमलनाथ के भतीजे रतुल पुरी की इस लेनदेन में प्रमुख भूमिका बताई।”
क्या है अगस्ता वैस्टलैंड घोटाला
यह घोटाला तब सुर्खियों में आया जब इटली के एयरोस्पेस और डिफेंस निर्माण से जुड़ी कंपनी फिनमेकानिका के पूर्व मुखिया ओरसी को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अदालत ने कंपनी फिनमेकानिका को दोषी पाया था। ओरसी पर भारत सरकार से वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों के इस सौदे को हासिल करने के लिए कथित तौर पर 362 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगा था। खबरों के मुताबिक कोर्ट ने अपने आदेश में फिनमेकानिका की अधीनस्थ (सबसिडरी) कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनि को साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई।
यूपीए सरकार ने फरवरी 2010 में यूके की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ भारतीय एयरफोर्स के लिए 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर एक सौदा किया था। इस सौदे की लागत 3600 करोड़ तय की गई थी, लेकिन साल 2014 जनवरी में अनुबंध की शर्तें पूरी न होने पर और 360 करोड़ रुपए के कमीशन के भुगतान के आरोपों के बाद भारत ने इस अनुबंध को खारिज कर दिया। जिस समय करार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया, उस समय भारत 30 प्रतिशत भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी। रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे दिए।
भारत सरकार ने 8 फरवरी 2010 को रक्षा मंत्रालय के जरिए ब्रिटेन की अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड को लगभग 55.62 करोड़ यूरो का ठेका दिया था। मिशेल 1980 के दशक से ही कंपनी के साथ काम कर रहा था और इससे पहले उसके पिता भी भारतीय क्षेत्र के लिए कंपनी के सलाहकार रह चुके थे। मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का सलाहकार बताया जाता है, जिसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी जानकारी थी। 3600 करोड़ रुपए की अगस्ता-वेस्टलैंड डील में क्रिश्चियन पर मनीलॉन्ड्रिंग करने, घूस लेने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में मिशेल उन तीन बिचौलियों में से एक हैं, जिनके खिलाफ जांच की जा रही है। इस मामले में गुइदो हाश्के और कार्लो गेरेसा भी शामिल हैं। 57 साल का मिशेल फरवरी 2017 में गिरफ्तारी के बाद से दुबई की जेल में था। उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्रवाई के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया था। भारत ने 2017 में यूएई से क्रिश्चियन को भारत प्रत्यर्पित करने की आधिकारिक अपील की थी। इस संबंध में यूएई की अदालत को जरूरी दस्तावेज भी सौंपे गए।