कृषि बिलों को लेकर पिछले कई महीनों से हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली चलो आंदोलन कर रहे है। किसानों का विरोध अब दिल्ली के बार्डर पर पहुंच गया है। जहां पहले से ही सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों ने सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि किसान दिल्ली में प्रवेश न करें सके। वहीं केंद्र की मोदी सरकार बार-बार इन बिलों को लेकर किसानों से आग्रह कर रही है कि इन बिलों के आने के बाद उनकी आय दोगुनी हो जाएगी। लेकिन किसानों का मानना है कि अगर सरकार फसलों के एमएसपी तय नहीं करेंगी, तब तक उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिलेगा। किसानों के दिल्ली कूच पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ”नए कृषि कानून समय की मांग थी । आने वाले समय में यह क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। हमने पंजाब में सचिव स्तर पर अपने किसान भाइयों की गलत धारणाओं को दूर करने के लिए बोला है । हम 3 दिसंबर को बात करेंगे।”
I want to appeal to our farmer brothers to not agitate. We're ready to talk about issues and resolve differences. I'm sure that our dialogue will have a positive result: Narendra Singh Tomar, Union Agriculture Minister https://t.co/PNXV8efRTd
— ANI (@ANI) November 26, 2020
किसानों से अपील करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि ”मैं अपने किसान भाइयों से अपील करना चाहता हूं कि वे आंदोलन न करें। हम मुद्दों के बारे में बात करने और मतभेदों को हल करने के लिए तैयार हैं । मुझे विश्वास है कि हमारी बातचीत का सकारात्मक परिणाम होगा। किसान हरियाणा के रास्ते दिल्ली कूच कर रहे है, पंरतु हरियाणा में बीजेपी की सरकार होने के कराण उन्हें रास्ते पर ही रोक दिया गया है।
It’s a sad irony that on #ConstitutionDay2020 the constitutional right of farmers is being oppressed in this manner. Let them pass @mlkhattar ji, don't push them to the brink. Let them take their voice to Delhi peacefully. pic.twitter.com/48P0rvILVU
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020
इस पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधते हुए कहा कि ”यह एक दुखद विडंबना है कि ”सविंधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकार इस तरह से सताया जा रहा है । उन्हें पास होने दें मनोहर लाल खट्टर जी। उन्हें कगार पर मत धकेलो। उन्हें शांतिपूर्वक दिल्ली ले जाने दीजिए।”
I've been trying to reach out to you for the last 3 days but sadly you decided to stay unreachable – is this how serious you are for farmer's issues? You're only tweeting and running away from talks, Why?
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 26, 2020
दूसरी तरफ मनोहर लाल खट्टर ने कैप्टन के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि ” मैं पिछले 3 दिनों के लिए आप तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अफसोस की बात है कि आप पहुंच से बाहर रहने का फैसला किया है-यह कितना गंभीर आप किसान के मुद्दों के लिए कर रहे हैं? आप केवल ट्वीटिंग कर रहे है और बातचीत से भाग रहा है, क्यों। कैप्टन जी, मैंने इसे पहले कहा है और मैं इसे फिर से कह रहा हूं, मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई परेशानी होगी, इसलिए कृपया निर्दोष किसानों को उकसाना बंद कर दें।” कृषि कानूनों को लेकर अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि कृषि कानूनों पर पंजाब विधानसभा इनके खिलाफ बिल पारित किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया हैं कि अगर कोई व्यक्ति एमएसपी से कम मूल्य पर किसानों की फसल खरीदता हैं तो उस व्यक्ति को तीन साल की जेल होगी, इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति या कंपनी किसी किसान को फसल बेचने या जमीन को लेकर दवाब बनाता हैं तो उस पर भी जुर्माना और कठोर दंड का प्रावधान किया गया हैं।