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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 3 दिसंबर को करेंगे किसानो से बात

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, कर्जमाफी किसानों की समस्या का इलाज नहीं

कृषि बिलों को लेकर पिछले कई महीनों से हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली चलो आंदोलन कर रहे है। किसानों का विरोध अब दिल्ली के बार्डर पर पहुंच गया है। जहां पहले से ही सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों ने सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि किसान दिल्ली में प्रवेश न करें सके। वहीं केंद्र की मोदी सरकार बार-बार इन बिलों को लेकर किसानों से आग्रह कर रही है कि इन बिलों के आने के बाद उनकी आय दोगुनी हो जाएगी। लेकिन किसानों का मानना है कि अगर सरकार फसलों के एमएसपी तय नहीं करेंगी, तब तक उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिलेगा। किसानों के दिल्ली कूच पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि ”नए कृषि कानून समय की मांग थी । आने वाले समय में यह क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। हमने पंजाब में सचिव स्तर पर अपने किसान भाइयों की गलत धारणाओं को दूर करने के लिए बोला है । हम 3 दिसंबर को बात करेंगे।”

किसानों से अपील करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि ”मैं अपने किसान भाइयों से अपील करना चाहता हूं कि वे आंदोलन न करें। हम मुद्दों के बारे में बात करने और मतभेदों को हल करने के लिए तैयार हैं । मुझे विश्वास है कि हमारी बातचीत का सकारात्मक परिणाम होगा। किसान हरियाणा के रास्ते दिल्ली कूच कर रहे है, पंरतु हरियाणा में बीजेपी की सरकार होने के कराण उन्हें रास्ते पर ही रोक दिया गया है।

इस पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधते हुए कहा कि ”यह एक दुखद विडंबना है कि ”सविंधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकार इस तरह से सताया जा रहा है । उन्हें पास होने दें मनोहर लाल खट्टर जी। उन्हें कगार पर मत धकेलो। उन्हें शांतिपूर्वक दिल्ली ले जाने दीजिए।”

दूसरी तरफ मनोहर लाल खट्टर ने कैप्टन के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि ” मैं पिछले 3 दिनों के लिए आप तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अफसोस की बात है कि आप पहुंच से बाहर रहने का फैसला किया है-यह कितना गंभीर आप किसान के मुद्दों के लिए कर रहे हैं? आप केवल ट्वीटिंग कर रहे है और बातचीत से भाग रहा है, क्यों। कैप्टन जी, मैंने इसे पहले कहा है और मैं इसे फिर से कह रहा हूं, मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई परेशानी होगी, इसलिए कृपया निर्दोष किसानों को उकसाना बंद कर दें।” कृषि कानूनों को लेकर अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि कृषि कानूनों पर पंजाब विधानसभा इनके खिलाफ बिल पारित किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया हैं कि अगर कोई व्यक्ति एमएसपी से कम मूल्य पर किसानों की फसल खरीदता हैं तो उस व्यक्ति को तीन साल की जेल होगी, इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति या कंपनी किसी किसान को फसल बेचने या जमीन को लेकर दवाब बनाता हैं तो उस पर भी जुर्माना और कठोर दंड का प्रावधान किया गया हैं।

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