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आंदोलनकारी किसानों को 50 लाख रुपये का नोटिस

यूपी के संभल में कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन तेज होने के बाद किसान नेताओं के खिलाफ संभल के उप-जिला अधिकारी द्वारा 50 लाख रुपये का भुगतान करने का नोटिस जारी किया गया है।

यह नोटिस 6 किसानों को भेजा गया है। इस पर किसानों ने कहा कि नोटिस उनके लोकतान्त्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।

यूपी के संभल में किसान आंदोलन में शामिल 6 किसानों को 50 लाख रुपये देने का नोटिस मिला है। नोटिस में कहा गया है कि राजपाल सिंह, जयवीर सिंह, सत्येंद्र, वीर सिंह और भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष रोहदास के नाम शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि राशि त्रुटिपूर्ण थी और अब कम कर दी गई है। लेकिन इस मामले पर किसानों का कहना है कि ऐसे नोटिस उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।

आंदोलन के कारण गड़बड़ी का खतरा: उप जिला अधिकारी

अधिकारी ने नोटिस में कहा कि किसानों के आंदोलन से गड़बड़ी का खतरा था। इसके लिए 50 लाख रुपये के 2 जमानत नोटिस जारी किए गए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार आंदोलन को दबाना चाहती है। उन्होंने यह राशि देने से इनकार कर दिया है।

कृषि मंत्री ने किसानों को 8 पेज का पत्र लिखा

कृषि मंत्री ने किसानों को मनाने के लिए 8 पन्नों का पत्र लिखा है। एक बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई। बैठक में अमित शाह, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी उपस्थित थे। तोमर ने अपील की कि कई संगठन कानून का स्वागत कर रहे हैं। वे किसानों की खेती को विस्तार से समझते हैं। तोमर ने कहा, “किसानों को भटकने से रोकना मेरी जिम्मेदारी है।” तोमर ने कहा कि जो लोग लद्दाख में तैनात जवानों के लिए जा रही ट्रेनों को रोक रहे हैं वे किसान नहीं हो सकते, विपक्षी ताकतें उन्हें उकसा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब देश आत्मनिर्भर भारत बनने की कगार पर है, तो जिन लोगों ने यहां के उत्पादों का बहिष्कार किया है, उनकी पहचान होनी चाहिए। पीएम मोदी ने तोमर के ट्वीट को रीट्वीट भी किया है।

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